गरीबों को सड़ी प्याज बेच रहे हैं शिवराज : दिग्विजय सिंह

गरीबों को सड़ी प्याज बेच रहे हैं शिवराज : दिग्विजय सिंह

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-23 11:10 GMT
गरीबों को सड़ी प्याज बेच रहे हैं शिवराज : दिग्विजय सिंह

दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, भोपाल. एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार की प्याज क्रय और विक्रय नीति पर तंज कसते हुए आलोचना की है. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि एमपी सरकार किसानों से 8 रुपए किलो में प्याज खरीदकर राशन दुकानों पर 2 रुपए किलो प्रति राशन कार्ड पर 50 किलो की मात्रा में बेच रही है. यह प्याज खरीदना गरीबों के लिए अनिवार्य है, वरना अन्य सामग्री चावल, गेंहू और शकर नहीं मिलेगी. अधिकाश दुकानों पर प्याज सड़ी हुई हैं और गरीब लोग उसे खरीदने पर विवश हैं.

दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह सड़ी हुई प्याज खासकर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. अधिकांश गरीब बच्चे इस प्याज को खाने से बीमार हो सकते हैं. श्री सिंह ने राजगढ़ जिले की दलील देते हुए कहा कि यहां भी राशन दुकानों पर प्याज की बिक्री 2 रुपए किलो की जा रही है, तथा गरीब लोगों को सड़ी हुई प्याज खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

मध्यान्ह भोजन में सड़ी प्याज

दिग्विजय ने कहा कि एमपी के सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत भोजन तैयार करने वाले प्रत्येक स्वसहायता समूह को 5 कट्टे करीब 250 किलो प्याज अनिवार्य रूप से दी जा रही है. यह प्याज मध्यान्ह भोजन के रूप में खिलाई जाएगी, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है.

मुनाफाखोरी और सरकार को राजस्व की हानि

दिग्विजय ने कहा कि प्याज खरीदी में भारी अनियमितताएं और गड़बड़ियां हो रही हैं, जो प्याज किसानों से 8 रुपए किलो में खरीदा जा रहा है, वही प्याज उचित मूल्य की दुकानों और व्यापारियों के माध्यम से पुनः मंडियों में आ रहा है. सरकार का खरीदी पर कोई नियंत्रण नहीं है. किसान के नाम पर व्यापारियों द्वारा प्याज मंडियों में बेची जा रही है तथा भारी मुनाफाखोरी करके शासन को गंभीर क्षति पहुंचाई जा रही है. दिग्विजय ने सीएम शिवराज से अपील की है कि इस तुगलकी आदेश पर पुनर्विचार करें.

क्या कहा दिग्विजय ने-

  • इस फरमान से सरकार को राजस्व की हानि हो रही है.
  • प्याज क्रय को निंयत्रण करें
  • मुनाफाखोरी और कालाबाजारी बढ़ रही है
  • गरीबों को प्याज खरीदना अनिवार्य ना हो
  • उचित मूल्य की दूकानों पर सड़ी प्याज ना आए
  • मध्यान्ह भोजन में सड़ी प्याज उपयोग ना की जाए

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