दिग्विजय के धारा 370 वाले बयान ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, समर्थन में नहीं कोई बड़ा नेता

दिग्विजय के धारा 370 वाले बयान ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, समर्थन में नहीं कोई बड़ा नेता

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-13 09:23 GMT
दिग्विजय के धारा 370 वाले बयान ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, समर्थन में नहीं कोई बड़ा नेता

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के धारा 370 पर क्लब हाउस चैट में दिए गए बयान से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिग्विजय के इस बयान पर भाजपा उन्हें घेर रही है। वहीं, उनके परिवार के लोग भी इस बयान पर उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस का कोई बड़ा नेता खुलकर उनके पक्ष में खड़ा नजर नहीं आ रहा।

दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों क्लब हाउस चैन के दौरान जर्मनी के एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, हमें इस मसले पर फिर से विचार करना होगा। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। क्लब हाउस चैट इसलिए विवादों में घिरा बताया जा रहा है क्योंकि उस ग्रुप में पाकिस्तानी रिपोर्टर शाहजेब भी शामिल हैं। 

दिग्विजय के इस बयान को भाजपा के तमाम नेताओं ने देश विरोधी करार दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों का हवाला दिया है। साथ ही कहा है कि दिग्विजय सिंह जैसे लोगों के दुस्साहस का पानी अब सिर से ऊपर हो चुका है। भारत के विरोध में काम करने वाले ऐसे व्यक्ति की जांच NIA सहित अन्य सक्षम एजेंसियों से कराई जानी चाहिए, जिससे अन्य भारत विरोधी ताकतें भी सिर उठाने की हिम्मत न कर सकें।

दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर पहले सफाई दी थी उसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की एनआईए की जांच कराए जाने संबंधी मांग पर ट्वीट किया है। इसके साथ उन्होंने मोहन भागवत के छह साल पुराने एक बयान का भी जिक्र किया है, जिसमें भागवत ने कहा था, भारत-पाकिस्तान रिश्तो में भाई हैं। कौरव पांडवों जैसे, पाकिस्तान हमारा भाई, सरकार मजबूत करें उससे रिश्ते। दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा है, क्या मोहन भागवत जी को भी पाकिस्तान भेजोगे? उनकी भी एनआईए की जांच कराओगे? हम दोनों की जांच एनआईए से करवा लो।

दिग्विजय सिंह का बयान आने के बाद कांग्रेस ने पूरी तरह चुप्पी साध ली है । इतना ही नहीं आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि दिग्विजय सिंह पार्टी के किसी पद पर नहीं है और उनका यह बयान व्यक्तिगत है। पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। दूसरी ओर दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस के विधायक लक्ष्मण सिंह और उनकी पत्नी रुबीना शर्मा सिंह ने भी अपनी राय जाहिर की है। यह राय दिग्विजय सिंह के बयानों से हटकर है।

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह का कहना है, कश्मीर में धारा 370 वापस लागू करना संभव नहीं है। लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबीना शर्मा सिंह जो खुद कश्मीरी पंडित हैं और कैंसर पीड़ितों की काउंसलिंग भी करती हैं। उन्होंने कहा है, कश्मीरी पंडितों और तथाकथित आरक्षण के बारे में बोले गए शब्द दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सब सीमा पार के एक पत्रकार से कहा गया। एक ऐसा राष्ट्र जिसने हमें शांति से रहने नहीं दिया। कांग्रेस के एक नेता का नाम न छापने की शर्त पर कहना है, यह समझ से परे है कि पार्टी के प्रमुख नेता पार्टी की लाइन से हटकर ऐसे बयान क्यों देते है? कई बार तो ऐसा लगता है जैसे उन्हें पार्टी की चिंता ही नहीं है। ऐसे विवादित बयान चुनाव से पहले ही आते है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव करीब है, ऐसे में दिग्विजय सिंह का बयान पार्टी के लिए बडा नुकसान देगा।

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