बागियों को मनाने का दौर जारी, खड़गे से मिले कांग्रेस के असंतुष्ट नेता

बागियों को मनाने का दौर जारी, खड़गे से मिले कांग्रेस के असंतुष्ट नेता

Tejinder Singh
Update: 2018-07-15 10:47 GMT
बागियों को मनाने का दौर जारी, खड़गे से मिले कांग्रेस के असंतुष्ट नेता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मलिकार्जुन खड़गे से शहर के असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं ने मुलाकात की। मुंबई में खड़गे से मुलाकात करके नेताओं ने नागपुर में कांग्रेस कमेटी के लंबित चुनाव कार्य को जल्द कराने के लिए निवेदन किया। साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत पार्टी कार्य को गति देने का निवेदन किया। खड़गे से मिले नेताओं में प्रमुख तौर से पूर्व मंत्री अनीस अहमद, पूर्व सांसद गेव आवारी, पूर्व विधायक अशोक धवड़ शामिल थे।

बागियों को मनाने का दौर जारी
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस की संगठनात्मक स्थिति का जायजा लेने व चुनाव कार्य की तैयारी के तहत प्रदेश प्रभारी खड़गे दो दिन तक मुंबई में थे। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के अलावा मुंबई कांग्रेस की स्थिति की अलग-अलग जानकारी ली। प्रदेश प्रभारी नियुक्त होने के बाद यह उनकी पहली संगठन कार्य संबंधी पहली बैठक थी। बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने के लिए विविध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विशेषकर पार्टी के असंतुष्ट या बागी नेताओं को मनाने का भी दौर चल रहा है।

नेताओं के घर जाकर संगठन को नए सिरे से ताकत दिलाने के लिए सहयोग देने का आह्वान किया जा रहा है। जिला स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति भी की गई है, लेकिन नागपुर व सोलापुर में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया लंबित है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने साफ किया है कि नागपुर में विकास ठाकरे की अध्यक्षता में ही संगठन कार्य चल रहा है। ठाकरे को शहर कांग्रेस की जिम्मेदारी कायम है, लेकिन असंतुष्ट नेताओं ने शहर कार्यकारिणी के पुनर्गठन की मांग की है। खड़गे से मिले नेताओं ने दिल्ली में भी गुटबाजी का प्रदर्शन किया था। यहां तक कि प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण व तत्कालीन प्रभारी मोहन प्रकाश को हटाने की मांग कर दी थी।

महाराष्ट्र कांग्रेस से अलग विदर्भ कांग्रेस के गठन का निवेदन किया था। असंतोष व गुटबाजी का प्रदर्शन कुछ ऐसा हुआ कि पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी को पार्टी से बाहर कर दिया गया। इसके बाद भी असंतोष दूर नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि खरगे का नागपुर व विदर्भ की संगठनात्मक स्थिति की जानकारी देते हुए कुछ नेताओं की कार्यशैली पर ऐतराज जताया गया है।

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