तलाकशुदा शख्स को देना होगा अपनी बेटी की शादी का आधा खर्च

तलाकशुदा शख्स को देना होगा अपनी बेटी की शादी का आधा खर्च

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-19 05:08 GMT
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डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में स्पष्ट किया है कि पत्नी से तलाक लेकर अलग रहने वाले पति की सारी जिम्मेदारियां समाप्त नहीं हो जातीं। एक तलाकशुदा पिता को भी अपनी बेटी के विवाह का खर्च उठाना जरूरी होता है। महज इसलिए कि तलाक के बाद उसकी बेटी अपनी मां के साथ रह रही है, केवल मां ही उसके विवाह का खर्च उठाने के लिए जिम्मेदार नहीं है। 

यह है पूरा मामला 
इस निरीक्षण के साथ न्या. अतुल चांदुरकर व न्या.पुष्पा गनेड़ीवाला की खंडपीठ ने शहर के खरबी निवासी एक तलाकशुदा व्यक्ति को उसकी बेटी के विवाह का आधा खर्च उठाने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता का वर्ष 1991 में विवाह हुआ था। बाद में संबंध बिगड़ जाने के कारण दोनों अलग रहने लगे। पत्नी द्वारा कोर्ट में अर्जी दायर करने के बाद उसे और उसके दो बच्चों को पति से मेंटेनेंस मिलना शुरू हुआ। समय के साथ बेटी बड़ी हुई और वर्ष 2014 में उसका विवाह हो गया। मां ने अकेले विवाह का सारा खर्च उठाया।

मां का दावा है कि उसने बेटी के विवाह पर तीन लाख रुपए खर्च किए। ऐसे में पति को विवाह का आधा खर्च उठाना चाहिए, इस प्रार्थना के साथ पत्नी ने पारिवारिक न्यायालय में याचिका दायर की। इस याचिका के विरोध में पति ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर करके बेटी का पालकत्व स्वीकार करने से ही इनकार कर दिया। लेकिन पारिवारिक न्यायालय ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद पति को विवाह का आधा खर्च उठाने के आदेश दिए। पारिवारिक न्यायालय के आदेश को पति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। लेकिन हाईकोर्ट ने उक्त निरीक्षण के साथ पति की याचिका खारिज कर दी। उसे शेष रकम पत्नी को आठ सप्ताह के भीतर अदा करने के आदेश दिए गए हैं। 
 

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