डॉक्टरों ने ले मेरी मां की जान, 12 साल की बेटी ने की हत्या का मामला दर्ज कराने की मांग
डॉक्टरों ने ले मेरी मां की जान, 12 साल की बेटी ने की हत्या का मामला दर्ज कराने की मांग
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट में एक 12 वर्षीय बालिका ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि सरकारी डॉक्टरों के गलत ऑपरेशन की वजह से उसकी मां की मौत हो गई। याचिका में डॉक्टरों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करने और 20 लाख रुपए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की गई है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव गृह, कलेक्टर, एसपी और सीएमएचओ जबलपुर, रांझी थाना प्रभारी, शासकीय अस्पताल रांझी की डॉ. विनिता उप्पल और डॉ. आशीष राज को नोटिस जारी कर 18 मार्च तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
यह है मामला-
रांझी मानेगांव जबलपुर निवासी 12 वर्षीय शिवानी बाथरे की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि 10 दिसंबर 2018 को उसकी मां अनीता बाथरे को नसबंदी के ऑपरेशन के लिए शासकीय अस्पताल रांझी में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में डॉ. विनीता उप्पल और डॉ. आशीष राज ने सुबह 10 बजे उसकी मां का नसबंदी का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद उसकी मां को अत्यधिक रक्तस्त्राव होने लगा। उसकी मां की मौत हो गई। मृत हालत में उसकी मां को डॉक्टरों ने सुबह 11 बजे विक्टोरिया अस्पताल रेफर कर दिया। विक्टोरिया अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी मां को मृत हालत में भर्ती कर लिया। विक्टोरिया अस्पताल के डॉक्टरों दोपहर 3.20 बजे उसकी मां को मृत घोषित किया। डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ और रांझी थाना प्रभारी को ज्ञापन दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ओवरी की जगह काट दी ओयटा की नस -
अधिवक्ता आशीष पांडे, केके अग्निहोत्री और सुनील रजक ने एकल पीठ को बताया कि नसबंदी के ऑपरेशन के लिए नाभि के ऊपर मौजूद ओवरी की नस को काटना था, लेकिन सरकारी डॉक्टरों ने लापरवाही करते हुए नाभि के दो इंच नीचे ओयटा की नस काट दी। इससे अत्यधिक रक्तस्त्राव होने लगा और अनीता बाथरे की मौत हो गई। डॉक्टरों ने घटना को छिपाने के लिए मृत महिला को विक्टोरिया रेफर कर दिया। विक्टोरिया में भी डॉक्टरों ने मृत महिला को अस्पताल में भर्ती कर लिया।
पीएम में हुआ खुलासा, मौत 24 घंटे पहले हुई-
याचिका में कहा गया कि 11 दिसंबर 2018 को सुबह 11 बजे मेडिकल कॉलेज में मृतिका का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि अनीता बाथरे की मौत 24 घंटे से पहले हो चुकी थी। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।