नागपुर: कोरोना के साथ नशे से मरीजों को मुक्ति दिला डॉक्टर

नागपुर: कोरोना के साथ नशे से मरीजों को मुक्ति दिला डॉक्टर

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-08 10:13 GMT
नागपुर: कोरोना के साथ नशे से मरीजों को मुक्ति दिला डॉक्टर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर के दो शासकीय अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा रहा है। अस्पतालों में लगभग 600 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इनमें से कई मरीज नशे से ग्रस्त हैं, जिसमें खर्रा, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला, शराब जैसे व्यसन शामिल हैं। ऐसे मरीजों को कोरोना वार्ड में भर्ती होने के बाद कोई नशीला पदार्थ नहीं मिलता, जिससे वे परेशान हो रहे हैं। इन्हीं परेशानी को दूर करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने दो मनोचिकित्सक नियुक्त किए हैं, जो इन मरीजों का समुपदेशन कर रहे हैं।

मानसिक स्थिति पर पड़ा असर
नागपुर में खर्रा के काफी शौकीन हैं। इसका किशाेर, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं हर वर्ग आदी है। कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए इन्हें अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। यहां नशीला पदार्थ नहीं मिलने से येे लोग परेशान होते हैं। अस्पताल में उनकी लत पूरी नहीं हो पा रही है। इसके लिए कई बार नर्स, डॉक्टर या किसी भी स्वास्थ्यकर्मी से मांग करते हैं, लेकिन इनकी मांग पूरी नहीं की जाती है। ऐसे में कई मरीजों की मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ा है।

अधिकांश खर्रे के आदी  
मरीजों की मानसिक स्थिति को ठीक करने के लिए  अस्पताल के डीन डॉ. सजल मित्रा के मार्गदर्शन में दो मनोचिकित्सक नियुक्त किए गए हैं। यह डॉक्टर मरीजों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि यह एक मौका मिला है, जब सभी व्यसनों से दूर होकर एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। डॉक्टर फोन पर ही काउंसलिंग देते हैं। ज्यादातर मरीज खर्रा के आदी हैं।
 
कोई नशीली वस्तु उपलब्ध नहीं
अस्पताल में मरीजों को किसी तरह की नशीली वस्तुएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं। मरीजों की काउंसलिंग के लिए डॉक्टर रखे गए हैं। हम कोरोना के साथ उनकी नशे की लत से भी मुक्ति दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। कितने खर्रा के आदी हैं, यह जानकारी नहीं है, क्योंिक कुछ ही लोगों की स्थिति खराब होती है। - डॉ. अविनाश गावंडे, अधीक्षक, शासकीय चिकित्सा एवं महाविद्यालय अस्पताल (मेडिकल)
 

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