आम जनता को मिलेगा महंगा उपचार, NMC से अमीरों का भरेगा खजाना

आम जनता को मिलेगा महंगा उपचार, NMC से अमीरों का भरेगा खजाना

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-12 09:10 GMT
आम जनता को मिलेगा महंगा उपचार, NMC से अमीरों का भरेगा खजाना

डिजिटल डेस्क जबलपुर । केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी)बिल के विरोध में डॉक्टर्स एकजुट हो रहे हैं। इस बिल का भविष्य में देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर कितना प्रतिकूल असर पड़ेगा साथ ही एमबीबीएस कोर्स करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए कितनी परेशानियां आने वाली हैं इसकी जानकारी रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) पदाधिकारियों ने दी। देश भर में चल रहे बिल के विरोध के तारतम्य में आईएमए की नगर शाखा ने रविवार को मेडिकल कॉलेज प्रेक्षागृह में मेडिकल स्टूडेंट्स की एक सभा की।
सभा में बताया गया कि इस बिल के लागू होने के बाद देश की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से नौकरशाहों के हाथ में आ जाएंगी। निजी मेडिकल कॉलेजों को मनमानी करने के प्रावधानों वाले इस बिल के लागू होने के बाद निजी मेडिकल कॉलेज चलाने वाले बड़े लोगों का खजाना और बढ़ेगा साथ ही चिकित्सा शिक्षा के साथ ही इलाज महंगा होगा।
सभा के पहलेे बिल के विरोध में साइकिल रैली निकाली गई। छात्रों को संबोधित करते हुए आईएमए के प्रांतीय सचिव पुष्पराज भटेले ने बताया कि इस बिल का स्वरूप अलोकतांत्रिक है, जिसमें चुने हुए चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व नगण्य है। इस बिल के कानून बनने के बाद चिकित्सा शिक्षा महंगी होगी जो कि आम आदमी के अपने बच्चों को डॉक्टर बनाने के सपने को चकनाचूर कर देगी। इससे भविष्य में स्वास्थ्य सेवाएं भी बद्तर हो जाएंगी।
प्रैक्टिस के लिए परीक्षा
एमबीबीएस या पीजी करने के बाद स्टूडेंट को प्रैक्टिस करने के लिए परीक्षा देनी होगी, यह नियम मेडिकल छात्रों के लिए भविष्य से खिलवाड़ जैसा है। वहीं विदेश में चिकित्सा शिक्षा लेने वाले यहां बिना किसी परीक्षा के प्रैक्टिस कर सकेंगे। वक्ताओं ने छात्रों से अपने हक के लिए इस बिल का पुरजोर विरोध करने की अपील की साथ ही 25 मार्च को दिल्ली में होने वाली चिकित्सक महापंचायत में शामिल होने कहा। सभा को आईएमए के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद जैन, प्रांतीय सचिव डॉ. पुष्पराज भटेले, जिला शाखा अध्यक्ष डॉ. अजय सेठ, सचिव डॉ. दीपक साहू, पूर्व पदाधिकारी डॉ. पी नेमा, डॉ. आरके पाठक आदि ने संबोधित किया। सभा में मेडिकल स्टूडेंट्स के अलावा मप्र अध्यक्ष डॉ. अरुण मल्होत्रा, डॉ. राठौर, डॉ. चित्रा जैन, डॉ. प्रतिभा जैन, डॉ. संगीता श्रीवास्तव, डॉ. बीके गुहा, डॉ. अर्जुन सक्सेना सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।
चिकित्सा सुविधा का मिले अधिकार    
सभा के बाद आईएमए पदाधिकारियों ने पत्रकारवार्ता में प्रस्तावित बिल की खामियों के साथ ही क्रास पैथी पर आपत्ति जताई। डॉ. अरविंद जैन, डॉ. पुष्पराज भटेले ने कहा कि सरकार डॉक्टर्स की कमी पूरी करने के लिए आयुष चिकित्सकों को 6 महीने का ब्रिज कोर्स कराकर एलोपैथी में इलाज करने की छूट दे रही है। पांच साल का एमबीबीएस कोर्स 6 महीने में कैसे कराया जा सकता है। ऐसे आयुष डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ करेंगे। उन्होंने कहा कि आईएमए की मांग है कि जिस तरह सरकार ने शिक्षा का अधिकार लागू किया है उसी तरह िचकित्सा सुविधा का अधिकार भी लागू करे। डॉक्टर्स की कमी पूरी करना सरकार का काम है, प्राइवेट कॉलेजों को नियंत्रण से बाहर कर मनमानी करने का अधिकार देकर चिकित्सा शिक्षा को सिर्फ पैसे वालों तक सीमित किया जा रहा है। इस बिल से प्रतिभावान छात्रों को नजरंदाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे हर स्तर पर इस बिल का विरोध करेंगे।

 

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