उत्तरप्रदेश: डॉक्टरों को 10 साल तक सरकारी नौकरी करने के आदेश, छोड़ने पर देना होगा 1 करोड़ का जुर्माना

उत्तरप्रदेश: डॉक्टरों को 10 साल तक सरकारी नौकरी करने के आदेश, छोड़ने पर देना होगा 1 करोड़ का जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-12 12:05 GMT
उत्तरप्रदेश: डॉक्टरों को 10 साल तक सरकारी नौकरी करने के आदेश, छोड़ने पर देना होगा 1 करोड़ का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने डॉक्टरों को10 साल तक शासकीय सेवा देने के आदेश दिए हैं। गाइडलाइन के तहत राज्य में सरकारी कॉलेजों से पीजी करने के बाद अगर कोई डॉक्टर 10 साल से पहले नौकरी छोड़ता है तो उसे एक करोड़ रुपए का जुर्माना यूपी सरकार को देना होगा। यह खबर सामने आने के बाद सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि यह आज का नहीं, बल्कि तीन साल पुराना आदेश है।

यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सोशल मीडिया पर एक खबर चली है कि जो डॉक्टर पीजी करते हैं, उन्हें 10 साल तक सरकारी अस्पतालों में काम करना होगा। ऐसा न करने पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भरना होगा। यह कोई नया नियम नहीं है। सरकार ने 3 अप्रैल 2017 को इस बारे में आदेश जारी किया था। 

डिग्री मिलते ही ज्वॉइन करनी होगी नौकरी
सरकार द्वारा जारी किए गए इस नियम में कहा गया है कि विभाग की ओर से इस संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र (NoC) जारी नहीं की जाएगी। साथ ही कहा गया है कि अब डॉक्टर पीजी के साथ ही डिप्लोमा कोर्सेज में भी एडमिशन ले सकते हैं। सरकारी गाइडलाइन में कहा गया है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर को तुरंत नौकरी ज्वॉइन करनी होगी। इसके अलावा पीजी के बाद सरकारी डॉक्टरों के सीनियर रेजिडेंसी में रुकने पर भी रोक लगा दी गई है। 

बीच में पीजी छोड़ा तो, दोबारा एडमिशन नहीं ले सकेंगे स्टूडेंट्स
गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई डॉक्टर बीच में ही पीजी छोड़ देता है तो उस पर 3 साल के लिए रोक लगा दी जाएगी। इन सालों में स्टूडेंट्स दोबारा एडमिशन नहीं ले सकेंगे। इससे पहले शुक्रवार को देशभर में डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। इसकी वजह आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति मिलना बताया गया था।

गौरतलब है कि यदि ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में एक साल नौकरी करते हैं तो एमबीबीएस डॉक्टरों को नीट प्रवेश परीक्षा में 10 अंको की छूट दी जाती है। दो साल की सेवा देने वाले डॉक्टरों को 20 और तीन साल पर 30 अंकों की छूट दी जाती है। बता दें कि हर साल सरकारी अस्पतालों के कई डॉक्टर्स एमबीबीएस पीजी में दाखिला लेने के लिए नीट की परीक्षा देते हैं।  


 

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