कंटेनमेंट जोन छोड़ काम पर जा सकते हैं घरेलू कामगार

कंटेनमेंट जोन छोड़ काम पर जा सकते हैं घरेलू कामगार

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-19 10:05 GMT
कंटेनमेंट जोन छोड़ काम पर जा सकते हैं घरेलू कामगार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने लॉकडाउन के दौरान बुजुर्ग और मरीजों के संरक्षक (केयरटेकर) को प्रतिबंधित क्षेत्र छोड़कर कहीं भी सेवा देने में कोई प्रतिबंध नहीं होने का स्पष्ट किया है। अगर कोई केयरटेकर प्रतिबंधित क्षेत्र में रहता है, तो वह न बाहर जा सकता है और न बाहरी संरक्षक वहां आ सकता है। लेकिन प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर रहने वाला संरक्षक प्रतिबंधित क्षेत्र छोड़कर कहीं भी सेवा दे सकता है। इसी तरह घर या सोसायटी में काम करने वाले घरेलू कामगारों के आने-जाने पर भी कोई रोक नहीं है। यह निर्णय पूरी तरह घर मालिक व सोसायटी पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार चरणबद्ध तरीके से नियम शिथिल किए जा रहे हैं। सरकार और प्रशासन द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। 

कामकाज धीरे-धीरे हो रहे शुरू : लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने कुछ बातों में छूट दी है। इसमें निजी कार्यालय और सरकारी कार्यालय नियम और शर्तों के अधीन रहकर शुरू करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद नियमित कामकाज धीरे-धीरे सुचारु होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि नागरिक अभी भी घरेलू कामगार या संरक्षक को लेकर संभ्रम में है। उन्हें अपने घरों में आने नहीं दे रहे हैं।

मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने स्पष्ट किया कि घरेलू कामगार, बुजुर्ग या मरीजों के लिए संरक्षक पर मनपा प्रशासन ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। घरेलू कामगार या संरक्षक को अपने घरों में बुलाने का निर्णय पूरी तरह घर प्रमुख या सोसायटी का है। सिर्फ एक बात का ध्यान रखा जाए, नागपुर शहर में प्रतिबंधित क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर घरेलू काम के लिए नहीं जाएगा और प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर का व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र में घरेलू काम के लिए नहीं आ सकता है। प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर के व्यक्ति को प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर घर अथवा सोसायटी में घरेलू काम के लिए बुलाने पर कोई प्रतिबंध या आपत्ति नहीं है। 

सावधानी जरूरी
सावधानी के तौर पर काम पर आते समय हाथ धोना, सैनिटाइजर, मास्क का उपयोग व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। बड़ी सोसायटियों में अनेक वरिष्ठ नागरिक और बीमार व्यक्ति रहते हैं। उनका जीवन आसान हो और दैनिक जीवन में मुश्किलें न आएं, इसके लिए सोसायटी को घरेलू काम करने वालों को प्रवेश देने में आपत्ति नहीं है। 
 

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