महंगाई की दोहरी मार , जीवनरक्षक दवाओं के दाम बढ़े

महंगाई की दोहरी मार , जीवनरक्षक दवाओं के दाम बढ़े

Anita Peddulwar
Update: 2021-05-21 10:33 GMT
महंगाई की दोहरी मार , जीवनरक्षक दवाओं के दाम बढ़े

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोनाकाल में दवाओं के बढ़ते दाम को लेकर हर कोई परेशान है। कोरोना के कारण कई लोगों के पास रोजगार नहीं है, तो लॉकडाउन के चलते व्यापारियों को भी अच्छा-खासा नुकसान हो रहा है। वहीं, दवाओं के बढ़ते दाम ने उन परिवारों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। एंटीबायोटिक दवाओं के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। कोरोनाकाल में विटामिन-सी की दवाओं की ब्रिकी भी खूब हो रही है। विटामिन सी की सीलिन दवा की बीस गोलियों का पत्ता जहां पहले 28 रुपए का आता था, अब इसकी कीमत 40 रुपए की हो गई है। वहीं डॉक्सीसासइक्लिन पहले 1900 रुपए का था,जो कि अब 220 रुपए का हो गया है।

आम आदमी को हो रही परेशानी
पिछले साल से लेकर अब तक दवाओं के दाम में कई गुना वृद्धि हुई है। मेरे ससुर डायबिटीज के मरीज हैं। रोज सुबह उन्हें एक टैबलेट लेनी होती है। वह जीटा प्लस टेबलेट लेते हैं। पिछले सप्ताह मेडिकल स्टोर्स दवा लेने गई, तो फिर से दाम बढ़ गए। डायबिटीज की समस्या आम है। आजकल लगभग हर घर में कोई न कोई व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है। लॉकडाउन के कारण शॉप बंद होने से बहुत परेशानी हो रही है, लेकिन दवा बंद नहीं सकते, चाहे कितनी भी महंगी हो, लेना तो पड़ेगा ही।   -नेहल ठाकुर, सुयोग नगर   

खांसी सिरप घर में रखना जरूरी
अब तो दवाईयां घर की आवश्यक वस्तुओं में शामिल हो गई हैं। खांसी का सिरप तो घर में रखना ही पड़ता है। भले ही खाना नहीं खाएं तो चलेगा, लेकिन दवाईयां लेना जरूरी है। बेटी को खांसी हुई। सिरप लेने गया, तो बढ़े हुए दाम में मिला। दुकानदार ने कहा कि इसके लिए हम क्या कर सकते है। हमें भी बढ़े रेट में मिल रहा है। कोरोना ने आम आदमी की कमर तोड़ दी। लॉकडाउन होने से खाने के लाले पड़ रहे हैं और दवाओं के दाम आसमान छू रहे हैं।  -मंगेश देठे, देव नगर 

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