दहेज लोभी मां-बेटे को अदालत ने सुनाई 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

सतना दहेज लोभी मां-बेटे को अदालत ने सुनाई 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

Bhaskar Hindi Desk
Update: 2021-12-09 09:34 GMT
दहेज लोभी मां-बेटे को अदालत ने सुनाई 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा
हाईलाइट
  • 2-2 हजार रुपए का आर्थदंड भी लगाया है।

डिजिटल डेस्क, सतना। दहेज में 50 हजार रुपए के लिए बहू को प्रताडि़त कर जलाकर मार देने के एक मामले में दहेज हत्या का अपराध प्रमाणित पाए जाने पर नागौद की अपर सत्र अदालत ने आरोपी मां-बेटे को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है।

द्वितीय अपर सत्र न्यायाीश बीडी राठौर की अदालत ने आरोपी जुगनू यादव और सास शांतिबाई पति बसोरी यादव दोनों निवासी नागौद पर 2-2 हजार रुपए का आर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन की ओर से एडीपीओ विनोद प्रताप सिंह ने पक्ष रखा। 

ये है मामला 
अभियोजन के अनुसार 2 दिसंबर 2013 की शाम करीब 7 बजे सुनीता यादव को आग से जलने के कारण नागौद अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने के चलते उसे इलाज के लिए जिला चिकित्सालय सतना रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान 18 दिसंबर 2013 की दोपहर उसकी मौत हो गई।

सूचना पर नागौद थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण जांच में लिया। जांच के दौरान भादवि की धारा 498क, 304बी, 34 और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 का प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने आरोप साबित पाए जाने पर मां-बेटे को जेल और जुर्माने की सजा से दंडित किया है। 

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