मंदिर तो बनाकर रहेंगे - सरसंघचालक डॉ. भागवत

मंदिर तो बनाकर रहेंगे - सरसंघचालक डॉ. भागवत

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-03 05:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने साफ कहा है कि अयोध्या में मंदिर बनाकर रहेंगे। मंदिर निर्माण के लिए और अधिक इंतजार नहीं  किया जाएगा। इस सरकार के कार्यकाल में ही मंदिर का निर्माण हो जाना चाहिए।  मोदी सरकार के पास कम समय होने व चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से आनेवाली तकनीकी बाधाओं से जुड़े प्रश्नों पर उन्होंने कहा कि समय को बदलने में भी कोई समय नहीं लगता है। इसी सरकार के समय मंदिर बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने भी अब तक यह नहीं कहा है कि मंदिर नहीं बनाएंगे। मंदिर निर्माण के लिए सबका साथ िमलेगा। हमें भगवान राम पर भी पूरा भरोसा है।

वादा पूरा होना चाहिए
सीताबर्डी में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद चुनिंदा पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में सरसंघचालक बोल रहे थे। दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार की ओर से कोई अध्यादेश नहीं लाया जाएगा। उसके बाद संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने मंदिर निर्माण की बात पर जोर देते हुए कहा है कि सरकार ने 2014 के चुनाव में दिए गए वादे काे पूरा करना चाहिए। जनता ने मंदिर निर्माण के लिए भाजपा को बहुमत दिया था। लोगों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार अयोध्या में मंदिर निर्माण का वादा पूरा करेगी। संघ चाहता है कि सरकार कानून बनाकर मंदिर निर्माण करे। संघ के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने भी इस मामले में सरकार के प्रति ट्यूट कर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। होसबले के अनुसार भाजपा ने 2014 के चुनाव में वादा किया था कि संविधान के दायरे में रहकर परस्पर संवाद के माध्यम से मंदिर निर्माण के लिए सभी हर संभव प्रयास करेंगे। 

न कुछ ज्यादा कहना चाहता हूं, न कुछ कम
सरसंघचालक ने कहा कि सरकार्यवाह श्री जोशी ने इस मामले में जो कुछ कहा है, वही वे भी कह रहे हैं। सरकार्यवाह ने संघ की प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मैं भी सरकार्यवाह की ही बात को दोहरा रहा हूं। न कुछ ज्यादा कहना चाहता हूं न ही कम। 

शिक्षा नीति में बदलाव भी जरूरी
शिक्षा नीति में बदलाव का आह्वान दोहराते हुए आरएसएस के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने कहा है कि नई नीति के प्रति सब कुछ साफ नहीं है। सरकार की ओर से बताया जा रहा है कि नई नीति आ रही है, लेकिन वह नीति कैसी होगी, किस तरह व कब लागू होगी, इस संबंध में स्थिति साफ नहीं है। एेसे में नई शिक्षा नीति के लिए केवल इंतजार करते रहना ठीक नहीं होगा। बदलाव की अपेक्षा दूसरों से करने के बजाय शिक्षा क्षेत्र में कुछ ऐसे प्रयोग व कार्य करें की सरकार उसके अनुरूप शिक्षा नीति बनाएं। बुधवार को रमाबाई रानडे शिक्षण प्रबोधन पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में सरसंघचालक बोल रहे थे। सेवासदन शिक्षा संस्था की ओर से सीताबर्डी स्थित स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में अभ्युदय ग्लोबल विलेज स्कूल की भाग्यश्री देशपांडे व सचिन देशपांडे को पुरस्कार प्रदान किया गया।

"शिक्षा व उसमें  स्त्रियों की भूमिका" विषय पर मार्गदर्शन किया गया। संस्था अध्यक्ष कांचन गडकरी, सचिव इंदुबाला मुकेवार, उद्योगपति सत्यनारायण नुआल, विप सदस्य नागो गाणार, पुरस्कार समिति के कार्याध्यक्ष वासंती भागवत, सचिव प्रमोद मसराम मंच पर थे। सरसंघचालक ने कहा कि महिला शक्ति सक्षम है। उसे संरक्षण नहीं, स्वतंत्रता की आवश्यकता है। विकास के मामले में महिला समाज के पैरों की बेड़ियां तोड़ने की आवश्यकता है।  शिक्षा पर ही सभी का विकास टिका है, लेकिन पदवी पाकर केवल पैसे कमाना भी अज्ञानता है। जो जैसा है, उसे उसी तरह और उससे बेहतर कार्य करना चाहिए। परिवार के विकास के लिए मां का शिक्षित होना महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में स्मरणिका का विमोचन किया गया। चेन्नई के विष्णा इंफ्रा के सीईओ आर.श्रीधर ने शारदा माता की मूर्ति सेवासदन संस्था को भेंट की। कंचन गडकरी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्यनारायण नुआल ने की। 
 

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