राफेल से बड़ा घोटाला कृषि फसल बीमा योजना, साईंनाथ ने कहा- सूखाग्रस्त किसानों को नहीं मिलेगा लाभ

राफेल से बड़ा घोटाला कृषि फसल बीमा योजना, साईंनाथ ने कहा- सूखाग्रस्त किसानों को नहीं मिलेगा लाभ

Tejinder Singh
Update: 2018-11-25 12:25 GMT
राफेल से बड़ा घोटाला कृषि फसल बीमा योजना, साईंनाथ ने कहा- सूखाग्रस्त किसानों को नहीं मिलेगा लाभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि फसल बीमा योजना को राफेल से बड़ा घोटाला बताने वाले वरिष्ठ पत्रकार व कृषि विशेषज्ञ पी. साईंनाथ ने एक बार फिर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। पी. साईंनाथ ने कहा कि बीमा योजना में किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को ही फायदा हो रहा है। यह घोटाला राफेल से कहीं बड़ा है। राज्य में सूखा घोषित किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने सूखे के नियमों में जो बदलाव किया है, उससे उसका लाभ सभी किसानों को मिलना संभव नहीं है। यह सिर्फ दिखावा है। 

संकट गहराएगा, पर सरकार गंभीर नहीं

महाराष्ट्र बैंक यूनियन के सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में पी. साईंनाथ ने कहा कि महाराष्ट्र सहित देश के अनेक हिस्सों में सूखे की स्थिति भयानक है। भविष्य में और अधिक संकट गहराएगा, लेकिन सरकार गंभीर नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने लगभग 150 गांवों में सूखा सदृश्य स्थिति घोषित की है, जबकि राज्य में 250 से ज्यादा गांव में भीषण सूखे की चपेट में हैं। सर्वेक्षण के नियमों के कारण सरकारी मदद किसानों को जैसे मिलनी चाहिए, वैसी नहीं मिलेगी। बड़े धूमधाम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की घोषणा की गई। लेकिन इस योजना के तीन साल के आंकड़े निराशाजनक हैं। साईंनाथ ने आरोप लगाया कि सरकार यह योजना किसानों के लिए नहीं, बल्कि बीमा व्यवसाय करने वाली कंपनी और बैंकों के लिए लाई है। GST और नोटबंदी के कारण लघु उद्योजक व कृषि क्षेत्र का नुकसान हुआ है। किसानों का उत्पादन दोगुना करने का दावा खोखला है। इसके बजाय आय दोगुनी करने की जरूरत है। 

किसान दिल्ली में देंगे दस्तक

कृषि विशेषज्ञ विजय जावंधिया ने कहा कि प्रा. स्वामिनाथन आयोग द्वारा कृषि विकास की रिपोर्ट पेश किए 14 साल हो गए हैं, लेकिन उस पर चर्चा करने का समय भी सरकार के पास नहीं है। किसानों के प्रश्नों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए आगामी 29 व 30 मार्च 2019 को दिल्ली में देश के 200 किसान संगठनों के प्रतिनिधि और किसान दस्तक देंगे। नेशन फॉर फार्मर बैनर के तले यह आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि सूखा और किसानों की समस्या पर चर्चा करने के िलए 21 दिन का संसद का विशेष अधिवेशन बुलाया जाए।

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