राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित करने और वसूली पर रोक

राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित करने और वसूली पर रोक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-20 18:17 GMT
राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित करने और वसूली पर रोक

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। डेब्ट रिकवरी ट्रिब्युनल (DRT) ने प्रदेश सरकार में संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित करने और उनसे वसूली पर रोक लगा दी है। DRT के पीठासीन अधिकारी ब्रजेश कुमार सिन्हा ने मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को नियत की है। 

सुरेन्द्र पटवा की ओर से दायर प्रकरण में कहा गया कि उन्होंने वर्ष 2016 में बैंक ऑफ बड़ौदा इंदौर से पटवा आटोमोटिव के लिए 34 करोड़ रुपए का लोन लिया था। वे अभी तक 4.5 करोड़ रुपए लोन जमा कर चुके हैं। इसके बाद भी बैंक ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बगैर 21 जनवरी 2018 को उन्हें विलफुल डिफाल्टर घोषित करते हुए वसूली का आदेश जारी कर दिया। पिछली सुनवाई के दौरान DRT ने लोन अकाउंट में एक करोड़ रुपए जमा करने और 20 हजार रुपए प्रधानमंत्री बाढ़ राहत कोष में जमा करने का आदेश दिया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेन्द्र सिंह और अधिवक्ता हितेन्द्र सिंह ने DRT को बताया कि याचिकाकर्ता ने आदेश का पालन कर दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा बैंक में लोन की किश्त जमा की जा रही है। इसके बाद भी बैंक ने याचिकाकर्ता को विलफुल डिफाल्टर घोषित कर वसूली का आदेश जारी कर दिया। बैंक ने विलफुल डिफाल्टर घोषित करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइड लाइन का पालन नहीं किया है।

मामले में याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने का भी अवसर नहीं दिया गया। इस मामले में एकतरफा आदेश पारित किया गया है। सुनवाई के बाद DRT ने सुरेन्द्र पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित करने और उनसे वसूली पर रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को नियत की गई है।

क्या है मामला?
बैंक ऑफ बड़ौदा से पटवा ऑटोमेटिव नाम की कंपनी ने लोन लिया था। लोन की रकम नहीं चुकाने के बाद बैंक ने प्रॉपर्टी को सीज किया था। बावजूद इसके बैंक को लोन की पूरी रकम नहीं मिली। 34 करोड़ बकाया राशि के लिए बैंक ने सुरेंद्र पटवा और परिजनों की संपत्ति की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी। 2 मई 2005 को इस लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) घोषित कर दिया गया था। बैंक ने एक सार्वजनिक सूचना के माध्यम से खरीददारों को आगाह भी कर रखा है। यदि किसी ने भी यह संपत्ति खरीदी तो उसे बैंक को 34 करोड़ की रकम चुकाना पड़ेगी। इसके बाद बैंक ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया था। राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा के अलावा उनकी पत्नी मोनिका पटवा, भाई भरत पटवा समेत दूसरे लोगों के भी इस नोटिस में नाम थे। सुरेन्द्र पटवा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुन्दरलाल पटवा के भतीजे है, इस नोटिस में स्वर्गीय पटवा की पत्नी फूल कुंअर पटवा का भी नाम था।

पटवा पर चैक बाउंस का भी केस
फरवरी 2018 में सुरेंद्र पटवा का नाम तब भी सुर्खियों में आया था जब उनके दिए चेक बाउंस हो गए थे। इंदौर के हरीश ट्रेडर्स ने 2015 में मंत्री सुरेंद्र पटवा को ब्याज पर 10 लाख रुपए दिए थे, इसके बदले में उन्हें चैक दिया गया था। चेक बाउंस होने के बाद इंदौर की जिला कोर्ट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।  

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