मौसमी बुखार का कहर , वार्ड हाउसफुल आठ हजार मरीज पहुंचे जिला अस्पताल

मौसमी बुखार का कहर , वार्ड हाउसफुल आठ हजार मरीज पहुंचे जिला अस्पताल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-17 08:07 GMT
मौसमी बुखार का कहर , वार्ड हाउसफुल आठ हजार मरीज पहुंचे जिला अस्पताल

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मौसम में बदलाव के चलते हवा में वायरल फीवर फैलाने वाले वायरस एक्टिव हो गए है। सांस के जरिए शरीर में पहुंच रहे इस वायरस से लोग तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, सर्दी-खांसी, आंखों में लालपन और जलन जैसी समस्याओं से पीडि़त हो रहे है। इन दिनों वायरल फीवर समेत अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों में इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल के देखे जाए तो बीते एक सप्ताह में 8 हजार मरीज इलाज कराने आ चुके है। इनमें से 1 हजार मरीजों को प्राथमिक इलाज के बाद भर्ती किया गया है। चिकित्सकों के मुताबिक इलाज के बाद भी वायरल फीवर का असर पांच से सात दिनों तक होता है।

वायरल के साथ बढ़ा डायरिया-
दूषित पानी और खुली खाद्य सामग्री के सेवन से पेट के संक्रमण के मरीजों में इजाफा हुआ है, इन मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.हितेश रामटेके ने बताया कि डायरिया और वारयल फीवर के रोजाना लगभग दो सौ मरीज ओपीडी में आ रहे है। दूषित पानी की वजह से अधिकांश बच्चे पेट की बीमारियों से पीडि़त है।

निमोनिया के बढ़े मरीज-
इन दिनों वायरल इंफेक्शन के साथ निमोनिया के मरीजों में भी इजाफा हुआ है। शून्य से पांच साल तक के बच्चे निमोनिया से पीडि़त हो रहे है। वार्ड के हालात यह है कि 40 पलंग वाले वार्ड में क्षमता से अधिक बच्चे भर्ती हो रहे है। जिन्हें इलाज के लिए भर्ती किया जा रहा है। मरीजों की संख्या अधिक होने से फर्श पर लिटाकर इलाज दिया जा रहा है।

दूषित पानी से बढ़े पीलिया के मरीज-
लम्बे समय तक दूषित पानी के सेवन से पीलिया की शिकायत होती है। दूषित खाने और पानी के सेवन से ए एवं ई प्रकार का पीलिया होता है। पीलिया होने पर मरीज की आंखों एवं त्वचा में पीलापन, थकान, उल्टियां होना, बदन दर्द, बुखार आने जैसी समस्याएं आती है।  

 

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