जिला सूखा घोषित करने का प्रस्ताव नहीं पहुंचा सरकार तक, फिर सामने आई लापरवाही

जिला सूखा घोषित करने का प्रस्ताव नहीं पहुंचा सरकार तक, फिर सामने आई लापरवाही

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-03 08:33 GMT
जिला सूखा घोषित करने का प्रस्ताव नहीं पहुंचा सरकार तक, फिर सामने आई लापरवाही

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अत्यल्प बारिश के चलते  जिले में सूखे का संकट गहराया हुआ है। जिप की आमसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष ने इस वfषय पर एकजुट होकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। आमसभा में प्रस्ताव पारित होकर 15 दिन से अधिक गुजर गये।  लेकिन अब तक प्रशासन ने प्रस्ताव सरकार के पास नहीं भेजा है। सूखे का प्रस्ताव कागजों में सिमट कर रह जाने की खबर प्रकाशित होने पर जिला परिषद अध्यक्ष नfशा सावरकर ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई तथा प्रस्ताव तत्काल सरकार के पास भेजने के निर्देश दिए।

इन तहसीलों को किया सूखा घोषित
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने काटोल, नरखेड़, कलमेश्वर तहसील सूखा घोषित की है। इसी के साथ पांच तहसीलों के 8 राजस्व मंडल सूखाग्रस्त घोषित किए गए हैं। संपूर्ण जिले में सूखे की स्थिति बनी रहने के बावजूद गिने-चुने क्षेत्र सूखा घोषित किए जाने पर जिप की आमसभा में हंगामेदार बहस हुई। विपक्ष ने संपूर्ण जिला सूखा घोषित करने का प्रस्ताव रखा। विपक्ष के साथ सत्तापक्ष के सदस्य भी चर्चा में शामिल हुए। सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में सूखे की स्थिति पर सदन का ध्यान आकर्षित किया। संपूर्ण जिला सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रस्ताव सरकार के पास भेजना अपेक्षित था।

जिला परिषद की लापरवाही आई सामने
सूखे की स्थिति को लेकर जिला परिषद प्रशासन ने गंभीरता नहीं बरती। हमेशा की तरह सूखे का प्रस्ताव कागजों में सिमटकर रह गया। इस बहाने सत्तापक्ष पर निशाना साधने का विपक्ष के पास मौका चलकर आ गया। किसानों के प्रति दर्द का दिखाकर उनकी रग पर नमक छिड़ने का सत्तापक्ष पर विपक्ष ने आरोप लगाया। पार्टी के वरिष्ठों ने भी अध्यक्ष से जवाब तलब किया। चारों ओर से संकट में फंसी अध्यक्ष ने अधिकारियों को फटकार लगाकर अपना गुस्सा उतारा। आमसभा का इतिवृत्त (मिनट्स) तत्काल बनाकर प्रस्ताव सरकार के पास भेजने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए।
 

 

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