MP : मंत्रालय में लागू हुआ ई-ऑफिस सिस्टम, RTI के तहत नहीं मिलेगी जानकारी
MP : मंत्रालय में लागू हुआ ई-ऑफिस सिस्टम, RTI के तहत नहीं मिलेगी जानकारी
- ई-आफिस प्रणाली में विभाग की आवक शाखा में आने वाली डाक को भी स्कैन किया जाएगा।
- मंत्रालयीन अधिकारी एवं कर्मचारी इंटरनेट का उपयोग कर अपने घर या अन्य किसी स्थान से भी ई-आफिस प्रणाली का उपयोग कर सकेंगे।
- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वल्लभ भवन स्थित राज्य सचिवालय यानि मंत्रालय के सभी 54 विभागों में ई-आफिस सिस्टम प्रारंभ लागू कर दिया गया।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वल्लभ भवन स्थित राज्य सचिवालय यानि मंत्रालय के सभी 54 विभागों में ई-आफिस सिस्टम प्रारंभ लागू कर दिया गया। अब इसके अंतर्गत मंत्रालयीन अधिकारी एवं कर्मचारी इंटरनेट का उपयोग कर अपने घर या अन्य किसी स्थान से भी ई-आफिस प्रणाली का उपयोग कर सकेंगे। एक विभाग से दूसरे विभाग को भेजे जाने वाली ई-नरूती का अन्य विभाग वाला भाग गोपनीय माना जाएगा और उसे संबंधित विभाग की सहमति के बिना सूचना के अधिकार कानन के तहत प्रदाय नहीं किया जाएगा।
ई-आफिस के अंतर्गत अब मंत्रालय में विभागों के उप सचिव मुख्य प्रशासकीय नियंत्रक होंगे, जबकि अवर सचिव नोडल अधिकारी, अनुभाग अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी तथा विभाग में उपलब्ध आईटी विशेषज्ञ तकनीकी सहायक होंगे। ई-आफिस सिस्टम में कुल नौ प्रमुख उप प्रणालियां निर्मित की गई हैं यथा ई-नस्ती प्रणाली, ई-भ्रमण प्रणाली, ज्ञान प्रबंधन प्रणाली, ई-सेवा पुस्तिका प्रणाली, मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली, सामूहिक कार्य एवं मैसेज सेवायें, स्पैरो-वार्षिक गोपनीय चरित्रावली मूल्यांकन, आईपीआर-वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण।
आवक शाखा में आने वाली डाक को भी होगी स्कैन
अब ई-आफिस प्रणाली में विभाग की आवक शाखा में आने वाली डाक को भी स्कैन किया जाएगा। विभागों में आने वाले विभिन्न प्रकार के आवेदन-पत्रों को भी ई-आफिस में लिया जाएगा। यदि किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कोई मौखिक निर्देश दिया जाता है तो उसे नोट या आदेश के रुप में ई-नस्ती में टंकण कर सर्वप्रथम उसकी पुष्टि, मौखिक निर्देश देने वाले अधिकारी से कराई जाना आवश्यक होगा।
ये कार्य नहीं होंगे ई-आफिस में...
- भारत सरकार के साथ पत्र-व्यवहार संबंधी विषय।
- वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदनों के डोजियर्स का संधारण।
- राष्ट्रपति भवन कार्यालय, राजभवन, लोकायुक्त कार्यालय, विधानसभा सचिवालय, ईओडब्ल्यु अथवा अन्य ऐसे कार्यालय/आयोग से पत्रव्यवहार।
- न्यायालयीन कार्यों/प्रकरणों की नस्तियां।
- जिला प्रशासन/संभाग प्रशासन के साथ संव्यवहार।
- अत्यंत गोपनीय, संवेदनशील, ऐसे विषय जो लोकहित, एकता/अखण्डता एवं सुरक्षा से जुड़े हों।