वीवीपैट की जांच करने भंडारा पहुंची इलेक्शन कमीशन की टीम

वीवीपैट की जांच करने भंडारा पहुंची इलेक्शन कमीशन की टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-02 19:40 GMT
वीवीपैट की जांच करने भंडारा पहुंची इलेक्शन कमीशन की टीम

डिजिटल डेस्क, भंडारा। उपचुनाव के दौरान वीवीपैट में आई खराबी और उसके कारणों की जांच करने करने के लिए शनिवार को चुनाव आयोग के चार अधिकारियों की टीम भंडारा पहुंची। सुबह 10 बजे से शुरू की गई जांच देर शाम तक जारी रही। इस दौरान समिति के अधिकारियों ने जिला चुनाव अधिकारी के साथ उन सभी 49 चुनाव केंद्र प्रमुखों से पूछताछ की जहां मशीनों में दिक्कतें आई थी और दोबारा चुनाव करना पड़ा था।

इस समिति के बारे में जिलाधिकारी कार्यालय और चुनावी कार्यालय के कर्मचारियों की और से कोई भी जानकारी न देते हुए इसे गोपनीय रखे जाने का प्रयास किया गया। मुख्य चुनाव अधिकारी व प्रधान सचिव अश्विनी कुमार के नेतृत्व में आई इस समिति में भारत चुनाव आयोग के सचिव अरविंद आनंद, उप सचिव व उपमुख्य चुनाव अधिकारी ए.एन. वलवी तथा उपमुख्य चुनाव अधिकारी व अवर सचिव शिरीष मोहोड शामिल थे।

गौरतलब है कि उपचुनाव में वीवीपैट के इस्तेमाल की मांग पहले से ही हो रही थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने उपचुनाव में वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किए जाने का निर्णय लिया था। गोंदिया भंडारा लोकसभा क्षेत्र में अधिकारियों के लिए वीवीपैट मशीन इस्तेमाल करने का यह पहला अनुभव था। ऐसे में इन मशीनों में समस्याएं आएगी यह कोई नहीं समझ पाया और 28 मई को हुए चुनाव में सुबह से ही ईवीएम में वीवीपैट एरर 2.2 दिखाना शुरू कर दिया। मशीनें बदलकर मतदान दोबारा शुरू करने की जद्दोजहद शुरू हुई लेकिन इसमें भी कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद 49 केंद्रो पर दोबारा चुनाव कराने पड़े।

इसकी मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया खत्म होते ही चार सदस्यों वाली एक टीम शनिवार को भंडारा भेज दी। टीम ने शनिवार की सुबह 10 बजे से ही जिला चुनाव अधिकारी विजय ठाकरे से मशीनों में आने वाली समस्याओं पर पूछताछ की। यहीं नहीं टीम ने उन केंद्र प्रमुखों को भी बुलवाया जिनके केंद्र पर मशीन की सबसे ज्यादा समस्या हुई और वहां दोबारा चुनाव कराना पड़ा। टीम ने अपनी पड़ताल में इस बिंदू को भी शामिल किया है कि जिन मशीनों में खराबी आई थी वो किस दिशा में रखी हुई थी। क्या सूरज की किरणें इन मशीनें पर सीधे पड़ रही थी। ताकि कोई सही हल निकाला जा सके।

जांच को लेकर असंमजस
चुनाव आयोग द्वारा भेजी गई समिति यह जांच किस उद्देश्य से कर रही है इसे लेकर असंमजस की स्थिति बनी रही। इस बारे में विभाग का कोई भी कधिकारी जानकारी देने को तैयार नजर नहीं आ रहा था। इस जांच की दो वजह सामने आ रही है। एक यह कि इस टीम द्वारा की जा रही जांच आगामी 2019 के चुनाव के दौरान दोबारा इस प्रकार की न हो, ताकि इस मशीन की सही समस्या को खोज कर यह समस्या हल की जा सके।

वहीं कहा जा रहा है कि दूसरी वजह यह भी हो सकती है कि वीवीपैट मशीन की समस्या 25 मई को चुनाव प्रतिनिधियों द्वारा की गई जांच के दौरान ही सामने आई थी, तो चुनाव निर्णायक अधिकारी ने इस संबंध में कारगर उपाय करने थे अथवा चुनाव आयोग को इसकी जानकारी देनी थी किंतु ऐसा नहीं किया। जिसके चलते चुनाव के दौरान इतनी समस्याएं झेलनी पड़ी और इसके पीछे का कारण क्या था?

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