जक्लिक और न्यूजलांड्री के खिलाफ आयकर के छापे पर एडिटर्स गिल्ड ने जताई गंभीर चिंता

अभिव्यक्ति पर रोड़ा जक्लिक और न्यूजलांड्री के खिलाफ आयकर के छापे पर एडिटर्स गिल्ड ने जताई गंभीर चिंता

Anita Peddulwar
Update: 2021-09-11 13:54 GMT
जक्लिक और न्यूजलांड्री के खिलाफ आयकर के छापे पर एडिटर्स गिल्ड ने जताई गंभीर चिंता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ऑनलाइन मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक और न्यूजलांड्री के दफ्तरों पर आयकर विभाग द्वारा की गई सर्वे की कार्यवाही पर गंभीर चिंता प्रकट की है। एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान जारी कहा है कि इस तरह की कार्यवाही के दौरान पत्रकारों के डेटा की जब्ती, जिसमें काफी संवेदनशील जानकारी जैसे पत्रकारों के स्त्रोतों का विवरण, अन्य पत्रकारिता डेटा आदि हो सकती है। यह अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वंतत्रता का उल्लंघन है।

उल्लेखनीय है कि बीते जुलाई 2021 में देश के एक बड़े मीडिया संस्थान दैनिक भास्कर के साथ-साथ लखनऊ स्थित एक समाचार चैनल भारत समाचार के कार्यालयों पर भी आयकर विभाग के छापेमारी का जिक्र करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में मांग की है कि सरकारी एजेंसियों का स्वतंत्र मीडिया को परेशान करने और डराने-धमकाने का खतरनाक चलन बंद होना चाहिए, क्योंकि यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र को कमजोर करता है। साथ ही गिल्ड ने मांग की है कि इस तरह की पड़ताल के दौरान अतिरिक्त सावधानी व संवेदनशीलता बरती जाए जिससे पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के अधिकारों पर आंच न आए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह की जांच तय नियमों के तहत की जाए।

दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने भी की निंदा
दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने न्यूज़लॉन्ड्री और न्यूज़क्लिक के दफ्तरों पर आयकर विभाग की कार्यवाही को निंदनीय करार देते हुए कहा कि इस तरह बार-बार छापेमारी करके सरकार मीडिया संस्थानों को डराने-धमकाने का प्रयास कर रही है। डीयूजे ने हाल ही में त्रिपुरा में राजनीतिक रूप से प्रेरित भीड़ द्वारा मीडिया कार्यालयों में तोड़फोड़ और आग लगाने की घटना भी कड़ी निंदा की है।
डीयूजे ने अपने बयान में पुरस्कार विजेता पत्रकार राणा अय्युब के खिलाफ कोरोना महामारी के दौरान धन उगाहने वाले अभियान और राहत कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश प्राथमिकी दर्ज करने पर सवाल उठाए।

त्रिपुरा में पांच मीडिया संस्थान पीबी 24, प्रतिभावादी कलाम, कलमर शक्ति, डेली देशेरकथा और दुरंत टीवी के साथ-साथ दो सीपीएम पार्टी कार्यालयों पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा 8 सितंबर को किए गए हिंसक हमले की निंदा की है और इसे लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताया। डीयूजे ने तोड़फोड़ करने, कुछ कार्यालयों को आग लगाने और कई मीडिया वाहनों को आग लगाने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। अत्यधिक खतरनाक मिसाल कायम करने वाले इन भीड़ के हमलों का नेतृत्व करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने के अलावा कार्यालयों और उपकरणों के नुकसान के लिए तत्काल मुआवजे की भी मांग की है।  

Tags:    

Similar News