अ.जा के विद्यार्थियों की शिक्षा की राह होगी आसान,क्रीमीलेयर की शर्त वापस लेगी सरकार

अ.जा के विद्यार्थियों की शिक्षा की राह होगी आसान,क्रीमीलेयर की शर्त वापस लेगी सरकार

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-20 07:57 GMT
अ.जा के विद्यार्थियों की शिक्षा की राह होगी आसान,क्रीमीलेयर की शर्त वापस लेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के ऊर्जा मंत्री व पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने कहा कि विदेश में पढ़ने जाने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को राजर्षि शाहू महाराज छात्रवृत्ति योजना में जोड़ी गई 6 लाख रुपए के क्रीमीलेयर की शर्त सरकार वापस लेगी।  राउत ने बताया कि प्रशासन ने सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंढे को अंधेरे में रख यह शर्त जोड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अनुसूचित जाति से संबंधित योजनाओं में ऐसी शर्त नहीं जोड़ सकते हैं। इस बारे में सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे से भी बात हुई। उनकी जानकारी में भी यह बात नहीं थी। ऐसा कोई आदेश निकालने से पहले उसे राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रखना जरूरी था। प्रशासन ने अपने स्तर से  यह आदेश निकाला। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भी ध्यान में यह बात लायी गई, जिसके बाद यह आदेश वापस लेने का निर्णय लिया गया है। जल्द इसका शासनादेश निकाला जाएगा। दैनिक भास्कर ने इस योजना में संशोधन के मामले को प्रमुखता से उठाया था। इसका संज्ञान लेकर पालकमंत्री ने संबंधित मंत्री से बात की और संशोधन का निर्णय लिया गया

5 मई को आदेश निकाल कर दी गई थी संशोधन की जानकारी
राजर्षि शाहू महाराज छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत विदेश में पढ़ने जाने वाले अनुसूचित जाति के िवद्यार्थियों को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) दी जाती है। अब तक इसमें आय सीमा यानी क्रीमीलेयर की शर्त नहीं थी। 5 मई को राज्य सरकार से एक आदेश निकाला गया, जिसमें योजना में 6 लाख की वार्षिक आय की शर्त लगाई गई। इसका विविध संगठनों की तरफ से विरोध हो रहा था। पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने भी सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे से इस मामले में संशोधित आदेश निकालने की मांग की थी।
 

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