औद्योगिक इलाकों में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू, 2000 रुपए में करेंगे हरा-भरा

औद्योगिक इलाकों में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू, 2000 रुपए में करेंगे हरा-भरा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-30 17:39 GMT
औद्योगिक इलाकों में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू, 2000 रुपए में करेंगे हरा-भरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार द्वारा पौधारोपण को लेकर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। जुलाई के पहले सप्ताह में वनमहोत्सव के माध्यम से 5 करोड़ पौधों का रोपण किया जा चुका है। इस अभियान की सफलता को देखते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने भी औद्योगिक इलाकों में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू किए है। इसके तहत राज्य के सभी एमआईडीसी क्षेत्रों को 50,000 पौधों के रोपण का लक्ष्य दिया गया है। जिले में हिंगना और बूटीबोरी के लिए भी क्रमश: 50-50 हजार पौधों के रोपण का लक्ष्य दिया गया है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नागपुर प्रादेशिक कार्यालय द्वारा 31 जुलाई को बैठक ली गई है। बैठक की अध्यक्षता प्रादेशिक अधिकारी राहुल वानखेड़े ने की थी। इस दौरान हिंगना इंडस्ट्रीज क्षेत्र के लिए 50,000 पौधाें के रोपण का लक्ष्य निर्धारित करने की घोषणा भी की गई। इस लक्ष्य को पाने में लापरवाही न हो इसलिए एसोसिएशन की बजाय अब खुद बोर्ड ने पौधारोपण करने का फैसला किया है। इस अभियान के लिए वनविभाग से निर्धारित स्थान मिलने पर सितंबर माह तक पौधारोपण किया जाएगा। पौधों के रोपण और तीन सालों तक उनके संवर्धन की जवाबदेही लेने के लिए किसी के सामने नहीं आने पर अधिकारियों ने फरमान जारी कर दिया है। 

अनिवार्य रूप से देनी होगी रकम

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के फरमान के मुताबिक हिंगना एमआईडीसी एसोसिएशन के इंडस्ट्रीज संचालकों को 2,000 रुपए देने होंगे। एमआईए के पंजीकृत 450 सदस्यों के साथ ही सभी 1150 इंडस्ट्रीज संचालकों को अनिवार्य रूप से रकम जमा करानी है। यह रकम नगदी अथवा चेक के रूप में एसोसिएशन के सचिव को देनी होगी। सचिव जमा रकम को प्रादेशिक प्रदूषण नियंत्रण को सौंपेंगे। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस फरमान को लेकर इंडस्ट्रीज संचालकों में खासा रोष व्यक्त किया जा रहा है। एमआईए के सदस्यों का मानना है कि करीब 50 साल पुरानी हिंगना एमआईडीसी क्षेत्र में अब पौधारोपण के लिए जगह नहीं बची है। बावजूद इसके किसी और स्थान पर पौधारोपण के लिए एमआईए के सदस्यों से रकम लिया जाना पूरी तरह से अनुचित है। एमआईए के पदाधिकारियों का भी तर्क है कि संगठन के सदस्यों द्वारा सालाना सदस्यता राशि के रूप में बमुश्किल 1500 रुपए का भुगतान किया जाता है, ऐसे में पौधारोपण के लिए 2,000 रुपए देना तर्कसंगत नहीं है।

4 जिलों में 10 लाख पौधाें  का रोपण 

प्रादेशिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यक्षेत्र में नागपुर के अलावा वर्धा, गोदिंया और भंडारा का औद्योगिक क्षेत्र आता है। इन जिलों की एमआईडीसी में भी पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत 1 से 30 जुलाई के बीच करीब 3.50 लाख पौधों का रोपण किया गया है। इसमें गोदिंया जिले के तिरोड़ा में अदानी इंडस्ट्रीज के माध्यम से 1.50 लाख पौधे, मौदा में एनटीपीसी के सहयोग से 50,000, बूटीबोरी में विदर्भ पॉवर कंपनी के सहयोग से 25,000 पौधे लगाए गए है। इसके अलावा वेकोलि और मॉइल ने भी 50,000 पौधे लगाए है। इन सभी पौधारोपण के साथ ही 30 सितंबर तक चारों जिलों के औद्योगिक इलाकों में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य एमपीसीबी ने रखा है। पौधों के रोपण एवं संगोपन को लेकर एमपीसीबी ने हाल ही में एनटीपीसी के पर्यावरण विभाग से तकनीकी सलाह ली है। इसके मुताबिक बड़ी तादाद में पौधों के रोपण करने पर तीन साल की समयावधि में प्रत्येक पेड़ के संगोपन के लिए ट्री-गार्ड व अन्य चीजों को मिलाकर करीब 300 रुपए खर्च आता है। इस लिहाज से प्रादेशिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब पौधारोपण के लिए हिंगना एमआईडीसी के इंडस्ट्रीज संचालकों को 2,000 रुपए देने का फरमान जारी किया है।

500 पंजीकृत सदस्य

जिले में करीब 50 साल पुराने औद्योगिक क्षेत्र के रूप में हिंगना एमआईडीसी का शुमार होता है। इस इलाके में राज्य के उद्योग मंत्रालय द्वारा करीब 1661 औद्योगिक प्लॉट उपलब्ध कराए गए हैं। फिलहाल इसमें से 1150 प्लॉट पर छोटी, बड़ी और मध्यम इंडस्ट्रीज संचालित हो रही हैं। इंडस्ट्रीज संचालकों के संगठन एमआईडीसी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन में 500 पंजीकृत सदस्य है। संगठनों के सदस्यों की ओर से अपने-अपने कब्जे वाले क्षेत्रों के साथ ही परिसर की सड़कों के किनारे भी पौधारोपण किया जा चुका है। इतना ही नहीं जुलाई माह में संपन्न वनमहोत्सव अंतर्गत भी पौधारोपण किया जा चुका है। इस बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से 50,000 पौधों के लिए मिलने वाली 2,000 रुपए की राशि से बरगद, आम, नीम, चीकू, बादाम, अशोक, पीपल के पौधों की खरीदी कर रोपण किया जाएगा।

पौधारोपण के लिए जवाबदेही तय करने का लक्ष्य

हर साल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से औद्योगिक क्षेत्र में पौधारोपण के लिए लक्ष्य तय किया जाता है। इसके बावजूद औद्योगिक इकाइयों के संचालक और एमआईडीसी एसोसिएशन के सदस्य पूरी तरह से अनदेखी करते हैं। नियमों के तहत औद्योगिक इकाइयों के संचालकों के लिए फैक्ट्री एरिया के ओपन क्षेत्र के 30 फीसदी इलाके में पौधारोपण करना अनिवार्य है। इसके अलावा भी प्रदूषण को रोकने के लिए जवाबदेही तय होना जरूरी है। इसलिए हिंगना एमआईडीसी एसोसिएशन के प्रत्येक सदस्यों के लिए 2,000 रुपए का टार्गेट दिया गया है। इस रकम से पौधों की खरीदी कर वनविभाग द्वारा निर्देशित स्थानों पर पौधारोपण किया जाएगा। इस कार्य के माध्यम से पौधारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की जवाबदेही तय हो सकेगी। 

हिंगना एमआईडीसी क्षेत्र में जगह ही नहीं बची

एमआईडीसी एसोसिएशन द्वारा प्रतिवर्ष सामाजिक दायित्वों के तहत पौधारोपण किया जाता है। इतना ही नहीं इस साल भी वनमहोत्सव के दौरान बड़े पैमाने पर पौधों का रोपण किया गया। करीब 50 साल पुरानी हिंगना एमआईडीसी इलाके में अब पौधारोपण के लिए जगह भी नहीं रह गई है। प्रादेशिक प्रदूषण नियंत्रण बोेर्ड की ओर से अब 50,000 पौधों के रोपण के नए लक्ष्य को पूरा कर पाना हिंगना में संभव नहीं है। इसलिए  प्रादेशिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वन विभाग की जगह पर पौधारोपण के लिए हिंगना एमआईए के प्रत्येक सदस्यों से 2,000 रुपए का दान देने का आह्वान किया है। इस कार्य के लिए एमआईए के करीब 15 सदस्यों ने ही पहल की है। 
-कैप्टन चंद्रमोहन रणधीर, अध्यक्ष, एमआईडीसी इंडस्ट्रीज, हिंगना

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