सशर्त जोड़ी जाएगी 322 स्कूलों की बिजली, 31 मार्च तक बकाया भरना होगा बकाया बिल

सशर्त जोड़ी जाएगी 322 स्कूलों की बिजली, 31 मार्च तक बकाया भरना होगा बकाया बिल

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-12 08:05 GMT
सशर्त जोड़ी जाएगी 322 स्कूलों की बिजली, 31 मार्च तक बकाया भरना होगा बकाया बिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट किया कि बकाया बिजली बिल भरने का पत्र देने पर जिला परिषद की 322 स्कूलों की बिजली फिर शुरू कर दी जाएगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रक्रिया जिला प्रशासन की तरफ से 26 फरवरी तक पूरा करने का दावा किया। 

बावनकुले ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि जिले में जिला परिषद के 322 स्कूलों पर बिजली बिल बकाया है। बिल का भुगतान नहीं करने से बिजली विभाग की तरफ से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी। इन स्कूलों के बिजली कनेक्शन पुन: जोड़े जा सकते हैं, बशर्ते स्कूल की तरफ से 31 मार्च तक बकाया बिल का भुगतान करने का पत्र मिलना चाहिए। पत्र नहीं मिलने की सूरत में कनेक्शन नहीं जोड़े जा सकेंगे।

बावनकुले ने कहा कि सरकारी स्कूलों को गवर्नमेंट पब्लिक सेक्टर कैटेगरी के तहत बिजली देने की लंबे समय से हो रही  मांग पूरी कर ली गई है। अब सरकारी स्कूलों को इसी कैटेगरी से बिल देना होगा। इससे बिजली बिल में 50 फीसदी तक की राहत मिल सकेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रक्रिया जिला प्रशासन की तरफ से 26 फरवरी तक पूरी कर ली जाएगी। केंद्र सरकार ने 5 एकड़ वाले किसान को सालाना 6 हजार रुपए देने का सराहनीय निर्णय लिया है और नए आर्थिक वर्ष की शुरुआत में 2 हजार की पहली किस्त मिले, इस दिशा में प्रशासन काम कर रहा है। 

राजस्व मंत्री से की जाएगी चर्चा
सूखा प्रभावित किसानों को मदद के संबंध में राजस्व मंत्री से चर्चा की जाएगी। सिंचित व असिंचित किसानों को दी जाने वाली मदद पर चर्चा होगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेट्रो के लोकार्पण में प्रधानमंत्री आने की अब तक कोई सूचना नहीं है। समृद्धि एक्सप्रेस-वे का भूमिपूजन आचार संहिता लगने के पहले हो जाएगा। 

तो सस्ती बिजली व एक्साइज ड्यूटी में छूट दी जा सकती 
नागपुर जिले के काटोल, नरखेड व अमरावती जिले के वरुड में संतरा प्रोजेक्ट को चलाने के लिए अगर कोई उद्योगपति आगे आता है, तो उसे सस्ती दर पर बिजली देने व एक्साइज ड्यूटी में छूट देने  पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है। काटोल, नरखेड व वरुड के संतरा प्रोजेक्ट बंद पड़े हैं। सरकार संतरा प्रोजेक्ट शुरू करने की कोशिश कर रही है। 

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