अवैध धर्मस्थल हटाने के मामले में जवाब देने राज्य सरकार को चार हफ्ते की मोहलत
अवैध धर्मस्थल हटाने के मामले में जवाब देने राज्य सरकार को चार हफ्ते की मोहलत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। हाईकोर्ट ने अवैध धर्मस्थल हटाने के मामले में जवाब पेश करने के लिए राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दे दिया है। चीफ जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने अवैध धर्मस्थल को लेकर दायर जनहित याचिका, अवमानना याचिका और अन्य याचिकाओं की सुनवाई संयुक्त रूप से करने का निर्देश दिया है।राज्य शासन की ओर से शासकीय वकील विशाल धगट और नगर निगम की ओर से वकील अंशुमान सिंह पेश हुए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
30 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी प्रदेशों और केन्द्र शासित राज्यों को अवैध धर्म स्थल हटाने के लिए एक रेफरेन्स भेजा था। जिसकी मॉनीटरिंग संबंधित राज्य की हाईकोर्ट को करने के लिए कहा गया है। मप्र हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। 11 अगस्त 2018 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और मुख्य सचिव को जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। वहीं इस मामले में सतना बिल्डिंग निवासी वकील सतीश वर्मा ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2013 में उनके द्वारा दायर जनहित याचिका में राज्य सरकार और कलेक्टर ने कोर्ट को वचन दिया था कि अवैध धर्म स्थल हटाने की कार्रवाई निरंतर जारी रखी जाएगी।
वर्ष 2015-17 में तत्कालीन चीफ जस्टिस एएम खानविलकर ने भी अवैध धर्म स्थलों के साथ यातायात में बाधक अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिए थे। पिछले एक साल से अवैध धर्मस्थल और यातायात में बाधक अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए युगल पीठ ने चार सप्ताह का समय दे दिया। राज्य शासन की ओर से शासकीय वकील विशाल धगट और नगर निगम की ओर से वकील अंशुमान सिंह पेश हुए।