नागपुर में लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट के उपकरण बंदरगाह पर अटके

नागपुर में लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट के उपकरण बंदरगाह पर अटके

Anita Peddulwar
Update: 2021-05-25 04:34 GMT
नागपुर में लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट के उपकरण बंदरगाह पर अटके

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मार्च और अप्रैल महीने में कोरोना ने अपना उग्र रूप दिखाना शुरू किया था। शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे। ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के चलते कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाकर जीवन बचाने पड़े थे। हालात को देखते हुए जिला व स्थानीय प्रशासन ने शहर में ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अनुसंधान केंद्र में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना है। इसके लिए इटली से उपकरण आयात किए गए हैं, लेकिन चक्रवात के चलते यह उपकरण विशाखापट्‌टनम बंदरगाह पर ही है।

समुद्र के शांत होने का इंतजार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऑक्सीजन प्लांट के लिए इटली से उपकरण आयात किए गए हैं। यह उपकरण बड़े जहाज पर समुद्री मार्ग से विशाखापट्‌टनम बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं, लेकिन चक्रवात के कारण समुद्र अशांत है। इसलिए जब तक समुद्र शांत नहीं होगा, तब तक जहाज से उपकरणों का सुरक्षित बाहर निकालना मुश्किल कार्य है। इस कारण ऑक्सीजन प्लांट का काम विलंब से शुरू होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। 

हवा से ऑक्सीजन शोषित होगी
उत्तर नागपुर स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अनुसंधान केंद्र परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। इस प्लांट में हवा से ऑक्सीजन शोषित होगी। इटली से आयात किए गए उपकरणों में शोषित हवा से ऑक्सीजन अलग करनेवाले पांच एयर फिल्टर्स कैसेटस्, शुद्ध ऑक्सीजन स्टोर करने के लिए चार रिजर्वायर टैंक का समावेश है।

15 दिन लग  सकते हैं आने में  
समुद्री तूफान को देखते हुए यह उपकरण नागपुर पहुंचने में 10 से 15 दिन लग सकते हैं। इस कारण ऑक्सीजन प्लांट का काम करने में विलंब होगा। अनुमान व्यक्त किया गया है कि बुधवार की शाम यह चक्रवात पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों को टकराएगा। उस समय हवा की गति 155 से 165 प्रति किलोमीटर हो सकती है। इस कारण भारी नुकसान होने की आशंका व्यक्त की गई है।
 

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