पूर्व सैनिकों में समाज सेवा का जज्बा, मरीजों की कर रहे सेवा

पूर्व सैनिकों में समाज सेवा का जज्बा, मरीजों की कर रहे सेवा

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-07 05:57 GMT
पूर्व सैनिकों में समाज सेवा का जज्बा, मरीजों की कर रहे सेवा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व सैनिकों में समाज सेवा का जज्बा बना हुआ है। सेना से रिटायर हो गए, लेकिन समाजसेवा की भावना उन्हें चैन से सोने नहीं देती। सीमा पर लड़कर देश की रक्षा करने वाले पूर्व सैनिकों ने सेवानिवृत्ति के बाद मरीजों की सेवा में जीवन समर्पित कर दिया। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में महीने के दो रविवार को सफाई का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया। 25-30 पूर्व सैनिकों ने मिलकर पूर्व सैनिक बहुउद्देशीय सेवा संस्था बनाई। संस्था के सदस्य एक जगह जमा होकर अस्पताल पहुंचते हैं। अपने साथ मरीजों के रिश्तेदारों के लिए भोजन लेकर जाते हैं। खास बात यह है कि, इसमें किसी संस्था या संगठन का सहयोग नहीं लिया जाता। पिछले एक वर्ष से समाजसेवा का यह सिलसिला चल रहा है।  रविवार को संस्था के सदस्यों ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचकर अपनी सेवा दी। कैप्टन देवीकांत नरांजे, सुभेदार एस. आर. मासुरकर, बाेरकर, धाबेकर, एस. एस. वाघमारे, तिवारी, जांभुलकर, हवालदार सुनील फुटाने, धार्मिक, नायक अशाेक गुप्ता आदि शामिल हैं

ऐसे शुरू हुआ सिलसिला
एक साल पहले संस्थाध्यक्ष कैप्टन देवीकांत नरांजे किसी रिश्तेदार से मिलने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल गए थे। उनकी एक बुजुर्ग से मुलाकात हुई। बुजुर्ग की बहू अस्पताल में भर्ती थी। उसका पुत्र बहू के पास वार्ड में ही रुकता था। बुजुर्ग अस्पताल परिसर में भोजन बनाकर बहू-बेटे को पहुंचाता था। भोजन बनाने के लिए एक बोरी में चावल लेकर अस्पताल परिसर में रह रहा था। उसे बहू के पास जाना था। चावल की बोरी लेकर अस्पताल में जा नहीं सकता। बाहर छोड़कर जाने पर कोई उठाकर ले जाने का डर सता रहा था। उसने कैप्टन नरांजे काे व्यथा बयां की और उसकी बहू से मिलकर आने तक चावल की बोरी पर नजर रखने का आग्रह किया। उस बुजुर्ग की व्यथा सुनकर नरांजे का िदल पसीज गया। बुजुर्ग लौटकर आने तक उन्होंने बोरी पर नजर रखी। बुजुर्ग के लौट आने तक उनके मन में हलचल शुरू हो गई। उसी समय उन्होंने मरीजों की सेवा के लिए कुछ कदम उठाने का संकल्प लिया। अपने परिचित पूर्व सैनिकों से मिलकर अपने दिल की बात बताई। उन्होंने भी नरांजे की बात का समर्थन किया। महीने के दो रविवार सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में साफ-सफाई और उस दिन मरीजों के रिश्तेदारों के लिए भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया और मरीजों की सेवा का सिलसिला शुरू हो गया।

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