मोदी को कुर्सी से हटाने के लिए महागठबंधन की आवश्यकता ही नहीं है : यशवंत सिन्हा

मोदी को कुर्सी से हटाने के लिए महागठबंधन की आवश्यकता ही नहीं है : यशवंत सिन्हा

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-22 10:49 GMT
मोदी को कुर्सी से हटाने के लिए महागठबंधन की आवश्यकता ही नहीं है : यशवंत सिन्हा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली व केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा से बाहर हुए पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि मौजूदा सरकार को चुनौती देने के लिए देश में माहौल बन गया है। उनका कहना है कि सत्ता परिवर्तन के लिए महागठबंन की आवश्यकता ही नहीं है। महागठबंधन को लेकर भाजपा ही भ्रमित कर रही है। प्रादेशिक स्तर पर राजनीतिक व अन्य संगठनों में गठबंधन करके प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती दी जा सकती है। जनता में सार्वभौमिकता है। वह समय-समय पर विकल्प के प्रश्न काे नजरअंदाज करके सत्ता में बैठे लोगों को उठाकर फेंकती रही है। आर्थिक व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त मानते हुए उन्होंने कहा कि देश में भुगतान संकट की स्थिति बन रही है। बेटे जयंत सिन्हा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रहने के प्रश्न पर उन्होंने साफ कहा कि वे बेटे को कन्वेंस नहीं कर पाए हैं। सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में श्री सिन्हा ने विविध मुद्दों पर सरकार की आलोचना की। सांसद शत्रुघ्न  सिन्हा, राज्यसभा सदस्य संजयसिंह भी उपस्थित थे।

इमरजेंसी से भी बदतर हालत
यशवंत सिन्हा ने कहा कि इंदिरा गांधी के समय देश में लगायी गई इमरजेंसी से भी बदतर हालत बनी हुई है। समाचार चैनलों पर चर्चा के विषय व लाइन भी प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर तय होने लगी है। सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा पर अमित शाह का ही कब्जा है। मंत्रियों की अहमियत नहीं है। सब बौने बने हैं। केबिनेट फार्म आफ गवर्नमेंट समाप्त हो गया है। सुरक्षा मामले में मंत्रिपरिषद का काफी महत्व रहता है। रक्षा,गृह,वित्त व विदेश मामलों के मंत्री मंत्रिपरिषद में शामिल रहते हैं।

गृहमंत्री को जानकारी के बिना जम्मू कश्मीर में सरकार का समर्थन वापस लिया गया। विदेश मंत्री किसी देश के विदेश मंत्री से मिल भी नहीं पाती है। मुलाकात कार्यक्रम रद्द करा दिए जाते हैं। वित्तमंत्री को मालूम ही नहीं था कि नोटबंदी का निर्णय लिया गया है। रक्षामंत्री को जानकारी दिए बिना राफेल सौदा हो गया। साफ है,मंत्रियों को काम नहीं करने  दिया जा रहा है। न्यायपालिका पर भी दबाव लाने का प्रयास होने लगा है। जज को पत्रकार वार्ता लेकर न्याय की मांग करनी पड़ती है। आरबीआई और सीबीआई की स्वायत्ता समाप्त की जा रही है।

LIC का रुपया खर्च किया जा रहा है
LIC में जनता का रुपया है। उसे सरकार खर्च कर रही है। रिपोर्ट सामने आ रही है कि 2008 में मंदी के दौर में अमेरिका में जो संकट बना था वह भारत में बनने लगा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में गिरावट का आधार भारतीय अर्थव्यवस्था को मिला था। वह आधार अब नहीं है।

बेटे को कन्वेंस नहीं कर पाया
जयंत सिन्हा केंद्र में मंत्री बने हुए हैं। एक ही परिवार में दो वयस्क में अक्सर सहमति नहीं होती है। सबका अपना माइंड है। अब तब हम उनको कन्वेंस नहीं कर पाए और वह हमें भी कन्वेंस नहीं कर पाए। पत्रकारों से चर्चा के दौरान जय जवान जय किसान संगठन के संयोजक प्रशांत पवार, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, राकांपा के नगरसेवक दुनेश्वर पेठे उपस्थित थे।

आरएसएस का चेहरा नहीं बदलने वाला
यशवंत सिन्हा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर भले ही कहा जाता रहा है कि उसका चेहरा बदल रहा है पर सरसंघचालक डा.मोहन भागवत के बयान से साफ हो गया है कि आरएसएस का चेहरा नहीं बदलनेवाला है। सरसंघचालक ने विजयादशमी उत्सव में सरकार से आव्हान किया है कि वह कानून लाकर अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम आरंभ करें। श्री सिन्हा ने कहा कि मंदिर निर्माण का मामला अब पूरी तरह से न्यायालय के निर्णय पर निर्भर है। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। ऐसे में संसद में इस मामले पर कैसे कानून बनाया जा सकता है। भाजपा भी पहले ही कह चुकी है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण सहमति से बने। आरएसएस में पोशाक बदली है। और कई मामलें में बदलाव दिखाने का प्रयास आरएसएस की ओर से होता रहा है। लेकिर सरसंघचालक के बयान से साफ है कि वह नहीं बदलने वाला है। वह अपनी भूमिका पर कायम है।

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