आबकारी विभाग के बुरे हाल : चपड़ासी संभाल रहे लेखा व स्थापना शाखा का कार्य

आबकारी विभाग के बुरे हाल : चपड़ासी संभाल रहे लेखा व स्थापना शाखा का कार्य

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-22 12:09 GMT
आबकारी विभाग के बुरे हाल : चपड़ासी संभाल रहे लेखा व स्थापना शाखा का कार्य

डिजिटल डेस्क सीधी। जिले का आबकारी विभाग स्टॉफ और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। पदपूर्ति न होने से यहां कार्यरत भृत्य लेखा एवं स्थापना शाखा का कार्य संभाल रहे हैं। अमले की कमी के चलते जहां विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है वहीं अवैध शराब की धरपकड़, उपलंभन व प्रवर्तन कार्य सहित सीएम हेल्पलाइन संबंधी शिकायतों का निराकरण भी प्रभावित होता है।
ज्ञात हो कि विभाग के पास स्वीकृत 31 पदों में 15 में ही तैनाती है। विभाग में स्वीकृत पदों में मुख्य लिपिक, लेखापाल, सहायक वर्ग-2 एवं सहायक वर्ग-3 के सारे पद रिक्त हैं। ऐसी स्थिति में यहां कार्यरत दो भृत्य को लेखा शाखा एवं स्थापना शाखा की जिम्मेदारी दी गई है। विभाग में सहायक जिला आबकारी अधिकारी का पद रिक्त होने के साथ ही आबकारी उपनिरीक्षक के स्वीकृत पांच पदों के विरूद्ध दो ही कार्यरत हैं। इसी तरह आबकारी मुख्य आरक्षक के दो पद स्वीकृत हैं आबकारी आरक्षक के आठ पदों में   तीन ही कार्यरत हैं। दफ्तरी का भी पद रिक्त बना हुआ है। पदपूर्ति के लिये विभाग द्वारा कई बार लिखा जा चुका है लेकिन खाली पड़े पद नहीं भरे जा सके हैं। हालात यह है कि स्टॉफ और संसाधनों की कमी के चलते विभाग जिले में अवैध शराब बिक्री पर लगाम लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि अवैध शराब बिक्री को लेकर विभागीय कार्रवाई संतोषजनक नहीं रहती है। हालांकि पुलिस द्वारा अवैध शराब की धरपकड़ करती रहती है। लेकिन आबकारी इस मामले में कभी कभार ही कार्रवाई कर पाता है।
जिले में 34 लायसेंसी दुकानें
जिले में कुल 34 लायसेंसी दुकानें संचालित हैं जिसमें 22 देशी एवं 12 विदेशी दुकानें शामिल हैं। दुकानों का विभाग द्वारा नवीनीकरण किया गया है जिसमें तीन दुकानें शेष हैं। बताया गया है कि सेमरिया, बढ़ौरा  स्थित देशी विदेशी शराब दुकान का नवीनीकरण होना है। ध्यान देने की बात यह है कि जिले में लायसेंसी दुकानों के अलावा अवैध तरीके से भी शराब की बिक्री की जाती आ रही है किंतु विभाग अमले की कमी के चलते इसमें कई दफे अंकुश लगाने में असमर्थ होता है। चाहकर भी कार्रवाई मुनासिब नहीं कर पाता है। हालांकि वित्तीय वर्ष में अब तक विभाग द्वारा अवैध शराब को लेकर कई कार्रवाईयां की गई हैं। पिछले माह चुरहट थानान्तर्गत ग्राम अकौरी में अवैध शराब निर्माण की फैक्ट्री पर दबिश देकर कार्रवाई  की गई थी। जहां भारी मात्रा में अवैध शराब व मशीने जप्त की गई थी।
वाहन व संसाधन का अभाव
शासन के राजस्व के लिये कमाऊ पूत कहा जाने वाला आबकारी विभाग में वाहन व संसाधन का भी अभाव बताया गया है। विभाग में न तो वाहन हैं और न ही कर्मचारियों के लिये अन्य संसाधन हैं। किराया के जरिये वाहन की पूर्ति की गई है लेकिन अन्य संसाधनों की पूर्ति न होने से अक्सर क्षेत्र में दौरा व दबिश  कार्रवाई में कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई दफे अवैध शराब की धरपकड़ के दौरान  कर्मचारियों को सुरक्षा के लिहाज से उनके पास ऐसे सुरक्षात्मक साधन भी नहीं होते हेैं जिससे वह अपनी  सुरक्षा कर सकें।
इनका कहना है-
विभाग में स्टाफ की कमी बेशक है जिसके लिये कई बार लिखा जा चुका है लेकिन पदपूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है। लिपिक न होने से दिक्कतें हो रही हैं। जहां तक अवैध शराब व अन्य कार्रवाईयां हैं वह की जा रही हैं।
कृपाशंकर रस्तोगी जिला आबकारी अधिकारी।

 

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