विशेषज्ञों ने कहा- जैविक सीड बैंक तैयार करना जरूरी

खरीफ सत्र की तैयारी विशेषज्ञों ने कहा- जैविक सीड बैंक तैयार करना जरूरी

Anita Peddulwar
Update: 2022-05-19 10:36 GMT
विशेषज्ञों ने कहा- जैविक सीड बैंक तैयार करना जरूरी

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। धान उत्पादक गड़चिरोली जिले में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में किसानों को बारिश पर निर्भर रहकर अपने खेतों में फसलें उगानी पड़ रही हैं। पिछले तीन वर्षों से किसानों को नुकसान का मंजर देखना पड़ रहा है। किसानों को इस नुकसान से उबारने के लिए जैविक खेती लाभदायक साबित हो सकती है। इसके लिए गड़चिरोली जिले में जैविक सीड बैंक शुरू करने की आवश्यकता है। इस दृष्टि से अधिकारियों को कार्य करने के निर्देश जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए। मंगलवार को पालकमंत्री शिंदे ने ऑनलाइन तरीके से खरीफ सत्र पूर्व नियोजन बैठक का आयोजन किया। इस समय वे बोल रहे थे। इस बैठक में जिलाधिकारी संजय मीणा, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी बसवराज मास्तोडी समेत अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। 

वर्ष 2022-23 के खरीफ सत्र में गड़चिरोली जिले के 2 लाख 19 हजार 450 हेक्टेयर खेती में विभिन्न प्रकार की फसलें बोयी जाएगी। इसके लिए कुल 36 हजार 24 क्विंटल बीजों की आवश्यकता पड़ेगी। इसमें धान 34 हजार 500  क्विंटल, 420 क्विंटल तुअर, 455 क्विंटल कपास और 600 क्विंटल मके के बीजों की आवश्यकता होगी। बीजों की उपलब्धता के संदर्भ में जिला कृषि अधिकारी मास्तोड़ी ने बताया कि, महाबीज और निजी कंपनियों से पर्याप्त मात्रा में बीजों की आपूर्ति होगी। वहीं इस वर्ष के खरीफ सत्र के लिए कुल 55 हजार 180 मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता भी होगी। 31 मार्च के अंत तक 6400 मी. टन खाद िवभाग के पास शेष है।

 जिले के लिए 1 हजार 340 मी. टन यूरिया और 360 मि. टन डीएपी बफर स्टॉक करने का नियोजन किया गया है। किसानों को कर्ज का वितरण करने के लिए वर्ष 2022-23 के लिए जिले को 245.57 करोड़ रुपए का कर्ज का लक्ष्य दिया गया है। इसमें मध्यवर्ती सहकारी बैंक को 85.95 करोड़, ग्रामीण बैंक को 36.17 करोड़ और राष्ट्रीयकृत व व्यापारी बैंकों को 123.45 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है। गत वर्ष में जिले के 540 हे. क्षेत्र में फलोें की बागायत लगाई गई थी। इस वर्ष 700 हे. क्षेत्र में फलों की बागायत लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला वार्षिक योजना से 90 फीसदी अनुदान पर ड्रैगन फ्रुट लागन उत्पादन प्रकल्प मंजूर होकर इसके लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किये जाने की जानकारी जिलाधिकारी संजय मीणा ने दी। वहीं 90 फीसदी अनुदान पर ही स्ट्रॉबेरी उत्पादन के लिए भी 50 लाख रुपए का प्रावधान किये जाने की जानकारी जिलाधीश ने दी। जिले में इस वर्ष 400 एकड़़ क्षेत्र में काजू की फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया है। 
 

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