सूखे से निपटने सीएम फडणवीस ने केन्द्र से मांगे 8 हजार करोड़ रुपए, गहरा सकती है चारा-पानी की समस्या

सूखे से निपटने सीएम फडणवीस ने केन्द्र से मांगे 8 हजार करोड़ रुपए, गहरा सकती है चारा-पानी की समस्या

Tejinder Singh
Update: 2018-12-07 14:09 GMT
सूखे से निपटने सीएम फडणवीस ने केन्द्र से मांगे 8 हजार करोड़ रुपए, गहरा सकती है चारा-पानी की समस्या

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को केन्द्र सरकार से सूखे से निपटने के लिए तकरीबन 8 हजार करोड़ रुपए की वित्तिय सहायता मांगी है। गुरुवार रात दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस ने शुक्रवार को PMO में प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा से मुलाकात कर उनसे प्रदेश के विभिन्न विकास परियोजनाओं की स्थिति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री फडणवीस उस समय राहत की मांग के लिए राजधानी पहुंचे जब केन्द्रीय टीम पहले से ही सूखा प्रभावित मराठवाडा में पड़े सूखे का जायजा लेने कई जिलों में भ्रमण कर रही है।

PMO में करीब पौने दो घंटे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में पडे सूखे की भयावता से प्रधान सचिव मिश्रा को अवगत कराया और प्रारंभिक सहायता मांगी। इस दौरान उन्होने राज्य की ओर से उन्हे सूखा राहत के लिए 7 हजार 962 करोड़ 63 लाख रुपए करोड़ रुपए की वित्तिय सहायता कराए जाने का प्रस्ताव पेश किया। सूखे की भयावता को देखते हुए मिश्रा ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वह शीघ्र इस दिशा में कदम उठाएंगे और निधि जारी करने का फैसला लेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री के अवर सचिव प्रवीण परदेशी सहित केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

पीएमवाई (जी) के तहत 6 लाख अतिरिक्त घरों की मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी के लिए सस्ते घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए और अतिरिक्त घरों का निर्माण किए जाने की आवश्यकता है। इसे ध्यान में लेते हुए ग्रामीण क्षेत्र में अतिरिक्त 6 लाख घरों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने की मुख्यमंत्री ने उनसे मांग की। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना को गति देने के लिए सरकार द्वारा जिन लाभार्थियों के पास खुद की जमीन नही है उन्हे 500 स्क्वायर फीट भूमि खरीदी के लिए 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।

ताड़ोबा अभयारण्य में ई-वाहनों को मिले अनुमति

मुख्यमंत्री ने बैठक में ताड़ोबा अभयारण्य में ई-वाहनों के इस्तेमाल का मुद्दा उठाते हुए नृपेन्द्र मिश्रा से यहां टाइगर सफारी के लिए ई-वाहनों को चलाने की अनुमति दिए जाने की भी मांग की। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सीआरजेड़ के संबंध में अधिसूचना के मसुदे को शीघ्र अंतिम रुप दिए जाने की मांग भी उनके समक्ष रखी। साथ ही ठाणे के तुंगारेश्वर और सोलापुर के मालढोक अभयारण्य के पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) को अंतिम रुप दिए जाने का अनुरोध किया। साथ ही मांग की कि धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए आवश्यक रेलवे की जमीन राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मसले पर केन्द्र सरकार का रुख सकारात्मक है और इसके लिए रेलवे और धारावी पुनर्विकास प्रकल्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की एक समिति स्थापित की जा रही है।

केंद्रीय टीम ने कहा-गहरा सकती है चारा-पानी की समस्या

उधर मुंबई में प्रदेश के राजस्व तथा राहत व पुनर्वसन मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि सूखा निवारण के लिए राज्य ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह सह्याद्री में केंद्रीय टीम ने मंत्री पाटील, राहत व पुनर्वसन राज्य मंत्री दिलीप कांबले, कृषि राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय दस्ते में शामिल सह सचिव छवि झा ने कहा कि आर्थिक मदद दिलाने के लिए जल्द से जल्द रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी जाएगी। केंद्रीय दस्ते के अधिकारियों ने बताया कि दौरे के समय सूखा प्रभावित लोगों ने जानवरों के लिए चारा छावनी और पानी के लिए टैंकर शुरू करने की मांग की। केंद्रीय दस्ते ने बताया कि आने वाले समय में चारा और पानी का संकट गहराने की संभावना है।

8 दिनों में केंद्र से आर्थिक मदद मिलने की उम्मीद: कांबले

प्रदेश के राहत व पुनर्वसन राज्य मंत्री दिलीप कांबले ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार से राज्य के सूखा प्रभावितों के लिए आठ दिनों के भीतर आर्थिक मदद मिल जाएगी। कांबले ने कहा कि केंद्रीय दस्ते ने भरोसा दिलाया है कि वह जल्द से जल्द केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। कांबले ने कहा कि केंद्रीय दस्ते ने स्वीकार किया है कि राज्य में सूखे की स्थिति गंभीर है। आने वाले महीनों में पानी का संकट गंभीर हो सकता है। कांबले ने कहा कि सरकार ने 151 तहसीलों और 268 राजस्व मंडलों में सूखा घोषित किया है। लेकिन राज्य कि बाकी तहसीलों को भी सूखा प्रभावित की सूची में शामिल करने की मांग उठ रही है। इसलिए आने वाले समय में सरकार सूखा प्रभावित तहसिलों की सूची में जिन नई तहसीलों को शामिल करेगी, उनके लिए राज्य सरकार खुद आर्थिक मदद करेगी। 

तहसीलदार को टैंकर शुरु करने का अधिकार

कांबले ने कहा कि राज्य में जानवरों के लिए चारा छावनी शुरू करने को लेकर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जल्द फैसला ले लिया जाएगा। सूखा प्रभावित गांवों में  जलापूर्ति के लिए टैंकर शुरू करने का अधिकार तहसीलदार को दे दिया गया है। कांबले ने बताया कि केंद्रीय दस्ते की तीन टीमों ने औरंगाबाद, जालना, परभणी अहमदनगर, सोलापुर, सांगली, पुणे जिले के सूखा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। 

हर सोमवार मंत्रालय में होगी बैठक 

कांबले ने कहा कि राज्य में सूखे की गंभीर स्थिति को देखते हुए अब मंत्रालय में हर सोमवार को समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में सूखा राहत से जुड़े विभागों के मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में सूखा प्रभावितों की मदद के लिए सरकार की तरफ से दिए गए आदेश पर कितना अमल हुआ है और राहत पहुंचाने के लिए क्या किया जा सकता है। इसकी समीक्षा होगी। 

राज्य में 98 लाख मीट्रिक टन चारा उपलब्ध 

राज्य में लगभग 98 लाख मीट्रिक टन चारा उपलब्ध है। सरकार की तरफ से चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 25 लाख मीट्रिक टन चारा उत्पादन का अनुमान है। राज्य में मनरेगा के तहत सूखा प्रभावित इलाकों में मजदूरों को 50 दिन अतिरिक्त काम देने के लिए केंद्र के पास 85 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। 

मुख्यमंत्री ने मांगी तत्काल मदद 

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सूखा प्रभावितों को तत्काल आर्थिक मदद की मांग केंद्र सरकार से की है। शुक्रवार को नई दिल्ली में  मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा से सूखे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की। 

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