फर्जी इनवाइस रैकेट का पर्दाफाश, 500 करोड़ का फर्जीवाड़ा
फर्जी इनवाइस रैकेट का पर्दाफाश, 500 करोड़ का फर्जीवाड़ा
डिजिटल डेस्क,नागपुर। डायरेक्टोरेट जनरल आॅफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) नागपुर जोनल यूनिट ने फर्जी इनवाइस गिरोह के खिलाफ जांच अभियान चलाकर 500 करोड़ के फर्जी इनवाइस रैकेट का पर्दाफाश किया है। जलगांव, मुंबई और पुणे स्थित 18 ऐसी फर्मों का खुलासा हुआ है, जो मौके पर मिली ही नहीं। कागजों में ये फर्में चल रही थीं। बगैर ट्रांजेक्शन के 500 करोड़ रुपए का लेन-देन दस्तावेजों पर बताया था।
कई ठिकानों पर छापेमारी, एक गिरफ्तार
डीजीजीआई नागपुर जोनल यूनिट ने नाशिक रीजनल यूनिट को साथ लेकर फर्जी इनवाइस मामले में राज्य के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई है। 18 गैर मौजूद फर्मों द्वारा बगैर ट्रांजेक्शन के जारी व्यवहार का पता लगाकर कई व्यावसायिक व आवासीय परिसरों में दबिश दी गई। जांच के दौरान, जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने वाली कई संस्थाओं को गैर-मौजूद पाया गया। ये फर्में फर्जी इनवाइस मामले से जुड़ी हुई हैं। फर्जी इनवाइस के माध्यम से सरकार को धोखा दिया जा रहा था।
मास्टरमाइंड जलगांव में
पूछताछ के लिए कुछ लाेगांे को हिरासत में लेने पर पता चला कि इसका मास्टरमाइंड जलगांव में रहता है, जो फर्जी इनवाइस का रैकेट चलाता है। गैर मौजूद (डमी) संस्थाओं को चलाने के लिए लोगों के पैन नंबर और बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किए थे। संबंधित लोगों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का उपयोग डमी फर्मों में किया जा रहा था। मास्टरमाइंड ने कबूल किया कि गैर मौजूद संस्थाआें से संबंधित दस्तावेज जलाए गए हैं। गोपनीय दस्तावेजों को फिर से प्राप्त करने की कोशिश जारी है।
17 इकाइयां
कड़ाई से पूछताछ करने पर मास्टरमाइंड ने बताया कि एक फर्जी फर्म के अलावा उसके पास मुंबई, पुणे और जलगांव में जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करके अन्य 17 फर्जी इकाइयां भी थीं। इन 18 फर्जी फर्मों में किसी भी सामान या सेवाओं की आपूर्ति या प्राप्ति के बिना ही 500 करोड़ का ट्रांजेक्शन दिखाकर 46.50 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा लिया गया है। सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के उप-धारा (1) के खंड (बी) और (सी) के तहत निर्दिष्ट अपराधों से उत्पन्न होने वाले लाभों को कम करने और बनाए रखने के लिए, 18 फर्जी और गैर-मौजूद फर्मों की स्थापना करने के आरोप में मास्टरमाइंड को 5 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी को न्यायिक हिरासत के तहत 19 मार्च तक जेल भेज दिया गया है।