मार्कशीट में फेरबदल कर फेल को पास कराने वाला गिरोह पकड़ाया, मुंबई यूनिवर्सिटी का कर्मचारी भी शामिल

मार्कशीट में फेरबदल कर फेल को पास कराने वाला गिरोह पकड़ाया, मुंबई यूनिवर्सिटी का कर्मचारी भी शामिल

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-17 13:07 GMT
मार्कशीट में फेरबदल कर फेल को पास कराने वाला गिरोह पकड़ाया, मुंबई यूनिवर्सिटी का कर्मचारी भी शामिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मार्कशीट (अंकसूची) में छेड़छाड़ कर फेल विद्यार्थियों को पास करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों में दो मुंबई विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं जबकि एक विद्यार्थी हैं। पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि आरोपियों ने अब तक कितने मार्कशीट से छेड़छाड़ की है। 

मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम संदीप पालकर, संगमेश कांबले और सैयद नदीम निजामुद्दीन है। निजामुद्दीन विद्यार्थी है। फर्जी मार्कशीट बनाने का यह गोरखधंधा कालीना स्थित गरवारे इंस्टिट्यूट में चल रहा था। पुलिस को शिकायत मिली थी कि गरवारे इंस्टिट्यूट ऑफ सबस्टैंशियल डेवलपमेंट परीक्षा की उत्तर पुस्तिका से छेड़छाड़ के बाद कुछ विद्यार्थियों की फर्जी मार्कशीट तैयार कर उन्हें पास कर दिया गया। दरअसल विभाग प्रमुख को इस बाबत चिट्ठियों के जरिए कई शिकायतें मिली थीं जिसके आधार पर उन्होंने बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन में मामले की शिकायत की।

FIR दर्ज करने के बाद पुलिस ने विभाग में लगे सीसीटीवी कैमरों की छानबीन की तो तीनों आरोपी कॉलेज बंद होने के बाद कागजों से छेड़छाड़ करते पाए गए। इसके बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपियों को 19 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस उपायुक्त अनिल कुंभारे ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि कितने पैसे का लेनदेन हुआ और कितने विद्यार्थियों को इस तरह पास किया गया।
 
 35 हजार पास विद्यार्थियों को किया फेल
मुंबई विश्वविद्यालय की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि पिछले साल 97 हजार से ज्यादा फेल किए गए विद्यार्थियों में से 35 हजार गलती से फेल किए गए थे। यानी उन्हें उत्तर पुस्तिका जांचने में की गई गड़बड़ी का खामियाजा भुगतना पड़ा था। हैरान करने वाली बात ये है कि पिछले तीन सालों में करीब 73 हजार यानी फेल किए गए करीब एक तिहाई विद्यार्थी वास्तव में पास थे। यह जानकारी आरटीआई के माध्यम से सामने आई है।    
 

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