फर्जी क्रीड़ा प्रमाणपत्र घोटाला मुख्य सूत्रधार व एक अन्य औरंगाबाद से गिरफ्तार  

फर्जी क्रीड़ा प्रमाणपत्र घोटाला मुख्य सूत्रधार व एक अन्य औरंगाबाद से गिरफ्तार  

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-23 10:06 GMT
फर्जी क्रीड़ा प्रमाणपत्र घोटाला मुख्य सूत्रधार व एक अन्य औरंगाबाद से गिरफ्तार  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। फर्जी क्रीड़ा प्रमाणपत्र घोटाले के मुख्य सूत्रधार अंकुश राठोड़ व उसके एक अन्य साथी भाऊसाहेब बांगर को मानकापुर पुलिस ने औरंगाबाद से गिरफ्तार किया। पुलिस को आरोपी घर से पुलिस का स्टिकर लगी दो लग्जरी कार मिली। आशंका जताई जा रही है कि, यह आरोपी फर्जी पुलिस बनकर काम कर रहे थे। फर्जी क्रीड़ा प्रमाणपत्र बनाकर लोगों को खेल कोटे से शासकीय नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो चुका है। इस मामले में अंकुश राठोड़ मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है। प्रकरण में उपसंचालक अविनाश पुंड की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

घोटाला प्रकरण में गत 14 अक्टूबर को सेवानिवृत्त क्रीड़ा उपसंचालक सुभाष रेवतकर व क्रीड़ा अधिकारी महेश पडोले को गिरफ्तार किया जा चुका है। रेवतकर के घर से महाराष्ट्र शासन लिखित निजी कार व लाल बत्ती मिलने से खलबली मची है। आरोपी अंकुश और भाऊराव को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 26 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में भेजा। मानकापुर थाने के जांच अधिकारी कृष्णा शिंदे ने संतोष राठोड़, राजेश वरठी, रघुजी चिनघर, मिलिंद नासरे और हितेश फरकुंडे की मदद से अंकुश और भाऊसाहब के घर पर छापा मारकर दोनों को हिरासत में लिया। उसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। फर्जी प्रमाणपत्र बनाने में राठोड की मुख्य भूमिका है।

 पुलिस ने जब राठोड़ के घर की तलाशी ली तब उसके घर से दो कारें जब्त की गई। इन कारों पर पुलिस के नाम का स्टिकर लगा था। कार की तलाशी में पुलिस की लाठी और आपत्तिजनक सामग्री भी मिली है। इस प्रकरण में पहले रत्नागिरी के क्रीड़ा अधिकारी रवींद्र सावंत और उसके भाई संजय सावंत को गिरफ्तार किया गया है। संजय का पुलिस विभाग में पीएसआई के रूप में चयन हुआ था। इस प्रकरण में भाऊसाहेब बांगर, पांडुरंग बारग्दे, कृष्णा जायभाये और पतंगे नामक आरोपी का समावेश है। आरोपी पांडुरंग बारग्दे गुरुवार को गिरफ्तार हुए भाऊसाहेब का जीजा है। विदर्भ पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. श्रीकांत वरणकर ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे न्यायालय ने नामंजूर कर दिया। 

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