Farmer Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ अब मप्र में भी किसान आंदोलन की सुग-बुगाहट हुई तेज

Farmer Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ अब मप्र में भी किसान आंदोलन की सुग-बुगाहट हुई तेज

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-03 14:12 GMT
Farmer Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ अब मप्र में भी किसान आंदोलन की सुग-बुगाहट हुई तेज

डिजिटल डेस्क, भोपाल। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे आंदोलन के समर्थन में मध्य प्रदेश के किसान भी आगे आने लगे हैं। ग्वालियर के डबरा-भितरवार क्षेत्र के कई किसान तो दिल्ली की ओर कूच कर गए हैं, वहीं अन्य हिस्सों के किसान दिल्ली जाने की रणनीति पर मंथन कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के तीन कानूनों के खिलाफ हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों के किसान दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों की मांग तीनों कानूनों को वापस लेने के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाए जाने की है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

मध्यप्रदेश के भी तमाम किसान संगठनों ने कानूनों को रद्द करने के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है। ग्वालियर के डबरा-भितरवार क्षेत्र से बुधवार को किसानों के जत्थे दिल्ली की ओर रवाना होने लगे। यह किसान अपने साथ लगभग छह माह का राशन ट्रैक्टरों में भरकर दिल्ली की ओर निकले हैं। किसानों के साथी राज रावत ने बताया है कि ग्वालियर जिला प्रशासन ने उन्हें दिल्ली कूच करने से मना किया, मगर किसानों की सिर्फ एक ही मांग थी कि अगर उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात लिखित में दे दी जाए, तो वे अपने दिल्ली जाने का इरादा त्याग देंगे।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि राज्य के किसान भी दिल्ली की तरफ कूच करने का मन बना रहे हैं। किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच लगातार वार्ता का दौर चल रहा है। आगामी एक-दो दिन और इंतजार किया जाएगा कि क्या निर्णय होता है, उसके बाद राज्य के किसान दिल्ली की ओर कूच कर जाएंगे। वहीं ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रतिनिधियों ने ग्वालियर के फूलबाग क्षेत्र में सड़क पर प्रदर्शन किया। साथ ही दिल्ली में चल रहे आंदोलन का समर्थन किया।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस देश में भ्रम और अस्थिरता फैलाने का काम कर रही है। केंद्र सरकार ने कृषि संबंधी जो कानून बनाए हैं, वे किसानों के लिए हैं और उनके हित में हैं। इन कानूनों में किए गए प्रावधान किसानों की आय को दोगुना करने और उन्हें समृद्ध बनाने के लिए हैं।

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