हिंगोली में बाघ के हमले में किसान गंभीर, लोग दहशत में 

हिंगोली में बाघ के हमले में किसान गंभीर, लोग दहशत में 

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-02 14:26 GMT
हिंगोली में बाघ के हमले में किसान गंभीर, लोग दहशत में 

डिजिटल डेस्क, हिंगोली । हिंगोली जिले में तीन दिन पहले यवतमाल जिले के वन अभयराण्य से आये एक बाघ ने जमकर आतंक मचा रखा है। गुरुवार को कलगावं में चार जानवरो पर हमला कर गंभीर रुप से जख्मी कर देने के बाद 2 नवंबर को बाघ ने पांच और  किसानों पर हमला कर दिया जिसमें से चार किसानो ने समय सूचकता दिखा कर अपनी जान बचाई तो एक अन्य किसान को शेर ने गंभीर रुप से जख्मी कर दिया।

जानकारी के अनुसार गुरुवार को कलगांव एंव लिंबी ग्राम में जानवरों को मारने के बाद शनिवार को बाघ ने घटनास्थल से 40  किमी दूरी पर स्थित सेनगांव तहसील के सुकली खुर्द ग्राम में दोपहर 2 बजे खेत में काम कर रहे किसानो पर हमला कर दिया। बाघ को देख भगवान शिरसाट, केशव खिल्लारी, रमेश आठवले नामक किसान तुरंत ही सोयाबीन के ढेर पर जाकर उंचाई पर खड़े होकर अपनी जान बचाई, लेकिन कुछ ही दूरी पर काम कर रहे सुनील श्रीराम कबाडे को बाघ नजर नही आया और बाघ  ने अचानक ही सुनील पर हमला कर दिया। सुनील के शोर मचाने पर ग्रामवासी घटनास्थल पर पहुंच गये, जिसके बाद बाघ वहां से भाग गया।  

गंभीर रुप से जख्मी सुनील कबाडे को सरकारी अस्पताल लाया गया। जानकारी मिलते ही उपविभागीय वन अधिकारी केशव वाबले, सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी पवार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी ढगे, वनपाल जावडे, वनरक्षक कुरहा आदी ने घटनास्थल पर जाकर मुआयना किया। कीचड़ में दिखे पंजों के निशान के आधार पर यह निशान बाघ के ही होने की जानकारी वन विभाग ने दी है।

बाघ के गले में कॉलर आयडी लगा होने से बाघ की लोकेशन मिल रही है। बाघ बार- बार अपनी लोकशन बदल रहा है। मराठवाडा में 1997  के पश्चात 22  साल बाद शेर दिखाई दिया है, यह हिंगोली जिले से सटे यवतमाल जिले के वन अभराण्य से आया है। वन विभाग ने सेनगांव तहसील के किसानों से अकेले खेत में न जाने का आह्वान किया है। 

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