30 सितंबर तक पूरा करना है टारगेट, अब तक 52 फीसदी ही बंट सका किसानों को कर्ज

30 सितंबर तक पूरा करना है टारगेट, अब तक 52 फीसदी ही बंट सका किसानों को कर्ज

Tejinder Singh
Update: 2018-09-09 14:26 GMT
30 सितंबर तक पूरा करना है टारगेट, अब तक 52 फीसदी ही बंट सका किसानों को कर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद किसान फसल कर्ज लेने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। सरकार ने 1066 करोड़ का टारगेट रखा है, लेकिन अब तक करीब 550 करोड़ तक ही फसल कर्ज बंट सका है। 6 सितंबर तक 52 फीसदी तक ही फसल कर्ज बंट सका है। प्रशासन भी मान रहा है कि 30 सितंबर तक टारगेट का केवल 70 फीसदी ही फसल कर्ज बंट सकेगा। राज्य सरकार ने जिले के लिए 1066 करो़ड़ के फसल कर्ज का टारगेट दिया है आैर यह टारगेट 30 सितंबर तक पूरा करना है। फसल कर्ज वितरण की धीमी रफ्तार को देखते हुए जिलाधीश ने हर शुक्रवार को किसानों के कैंप लेने के निर्देश दिए थे।

अधिकारियों ने इस पर अमल भी किया। इसके बावजूद फसल कर्ज की रफ्तार नहीं बढ़ी तो जिलाधीश ने हर मंगलवार को बैंकर्स की मीटिंग लेकर फसल कर्ज की समीक्षा करना शुरू किया। जिलाधीश हर मंगलवार को बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। तहसीलदार, बीडीआे व बैंक अधिकारियों को घर-घर जाकर किसानों को फसल कर्ज लेने के लिए लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया। पालकमंत्री चंद्रशेखार बावनकुले खुद फसल कर्ज वितरण की धीमी रफ्तार को देखकर बैंकों को यह चेतावनी दे चुके है कि कर्ज वितरण में फिसड्डी बैंकों से सरकारी खाते बंद किए जाने की सिफारिश सरकार से की जा सकती है। इसके बाद कर्ज वितरण की गति बढ़ी, लेकिन वह संतोषजनक नहीं है। एक भी पात्र किसान फसल कर्ज से वंचित न रहे, इसकी हिदायत भी अधिकारियों व बैंकों को दी गई थी। अगस्त महीने के आखरी सप्ताह हुई बारीश के बाद ऐसा माना जा रहा था कि अब किसान फसल कर्ज लेने आएंगे, लेकिन इसका भी बहुत ज्यादा लाभ नहीं हो सका।

6 जून तक 52 फीसदी तक ही फसल कर्ज बांटा जा सका। करीब 550 करोड़ तक का फसल कर्ज बांटा गया है। 50 हजार किसानों को यह कर्ज बांटा गया है। 30 सितंबर तक 70 फीसदी तक ही फसल कर्ज बंट सकता है। प्रशासन ने फसल कर्ज का लाभ लेने की अपील किसानों से कई बार की, लेकिन किसानों की तरफ से इसे बहुत ज्यादा प्रतिसाद नहीं मिला।

एक साल पहले कर्जमाफी की घोषणा हुई, लेकिन लाभ अब तक नहीं
राज्य सरकार ने पिछले साल किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। इस घोषणा को एक साल से ज्यादा का समय हो गया। जिले के करीब 65 हजार किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिला। पात्र किसानों को कर्जमाफी नहीं मिलने का आरोप लगने के बाद सरकार ने कर्जमाफी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने को कहा था। सरकार ने माना था कि तकनीकी खामियों के कारण कुछ किसान छुट गए। जिले से हजारों किसानों ने आनलाइन आवेदन किए। यह सूची सीधे मुंबई से जारी होगी। सूची अब तक जारी नहीं हो सकी। जिले के कितने किसानों को इसका लाभ मिलेगा, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

जिला उपनिबंधक (सहकार) अजय कडू के मुताबिक 6 सितंबर तक करीब 550 करोड़ का फसल कर्ज बंट चुका है। करीब 52 फीसदी तक कर्ज बंटा है आैर 30 सितंबर तक यह आंगडा 70 फीसदी तक पहुंच सकता है। कर्ज वितरण का लाभ लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा फसल कर्ज बांटने की है। पात्र किसान फसल कर्ज से वंचित न रहे, यहीं हमारी कोशिश है। बैंक से दिक्कत होने पर उसे तुरंत दूर किया जाएगा। कर्जमाफी के लिए जिन किसानों ने आनलाइन आवेदन किए, उनकी सूची शीघ्र ही मुंबई से जारी हो सकती है। 

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