विशेषज्ञों की चेतावनी- किसान कर्जमाफी से राज्यों के खजाने पर पड़ेगा बुरा असर

विशेषज्ञों की चेतावनी- किसान कर्जमाफी से राज्यों के खजाने पर पड़ेगा बुरा असर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-27 18:51 GMT
विशेषज्ञों की चेतावनी- किसान कर्जमाफी से राज्यों के खजाने पर पड़ेगा बुरा असर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों की कृषि कर्ज माफी की घोषणा से राज्यों के सम्मिलित पूंजीगत खर्च पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। एक रिपोर्ट में इस तरह कि चेतावनी दी गयी। राज्यों का पूंजीगत खर्च अर्थव्यवस्था को संचालित करने वाली निवेश वृद्धि को बढ़ावा देने का एक मुख्य कारक होता है। ऐतिहासिक तौर पर यह केंद्र सरकार के पूंजीगत खर्च से अधिक रहता है।     

घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के.पंत ने गुरुवार को कहा कि राजकोषीय घट-बढ़ की अवधि में पूंजीगत खर्च राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने का सबसे आसान तरीका हो जाता है। ऐसा महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में भी देखा जा चुका है जहां बजट से इतर कर्ज माफी की घोषणा की गयी। रिपोर्ट में कहा गया कि बजट में तय लक्ष्य से अधिक राजस्व जुटाये बगैर ये राज्य राजस्व घाटा को बजट में तय स्तर पर नहीं रख सकते हैं, क्योंकि कृषि कर्ज माफी के कारण खर्च में अतिरिक्त वृद्धि हो जाती है।

राजस्थान और कर्नाटक ने ऋण माफी के कारण पूंजीगत खर्च में क्रमश: 12 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत की कटौती की है ताकि राजकोषीय घाटा को बजट में तय स्तर पर रखा जा सके। हालांकि इसके बाद भी ये राज्य राजकोषीय घाटा को बजट में तय लक्ष्य के दायरे में रखने में असफल हैं। महाराष्ट्र का राजकोषीय घाटा बजट में तय पूंजीगत खर्च के कम रहने के कारण बजट लक्ष्य से नीचे रहा है।रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि नीति निर्माताओं तथा कंपनियों को केंद्र के बजाय राज्यों के बजट पर अधिक ध्यान देना चाहिये।

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