किसानों का 5 करोड़ से अधिक का भुगतान अटका, अधिकारी लगे पत्राचार में

किसानों का 5 करोड़ से अधिक का भुगतान अटका, अधिकारी लगे पत्राचार में

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-07 16:08 GMT
किसानों का 5 करोड़ से अधिक का भुगतान अटका, अधिकारी लगे पत्राचार में

डिजिटल डेस्क,शहडोल।  किसानों का हमदर्द बताकर प्रदेश के काबिज हुई कांग्रेस सरकार अब किसानों की नहीं सुन रही है। जिले में इस वर्ष हुए धान उपार्जन का भुगतान अभी तक किसानों को नहीं मिल पाया है। अभी भी किसानों का पांच करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान अटका हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि भुगतान भोपाल से ही अटका हुआ है। इसके लिए लगातार पत्राचार किए जा रहे हैं।
खातों में नहीं पहुंची राशि-
जिले में इस वर्ष 12453 किसानों ने कुल 6 लाख 67 हजार क्विंटल धान विभिन्न उपार्जन केंद्रों के माध्यम से बेचा था। इसके विरुद्ध किसानों को 116 करोड़ 73 लाख रुपए का भुगतान होना था, लेकिन अभी तक 111 करोड़ 34 लाख रुपए ही किसानों को मिले हैं। पांच करोड़ से अधिक भुगतान होना बाकी है। जिन किसानों की राशि अटकी है, वे रोजाना सहाकारी समितियों को चक्कर लगा रहे हैं। किसानों को बताया जा रहा है कि भोपाल से ही कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से भुगतान नहीं हो पा रहा है। बता दें कि धान की फसल का अच्छा उत्पादन होने के कारण इस बार पिछले वर्ष की तुलना में करीब दो लाख क्विंटल ज्यादा बिक्री हुई है। पिछले वर्ष कुल 4 लाख 67 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई थी।  
धान और बोरियों में असमानता-
अधिकारियों ने बताया कि पोर्टल में कुछ गड़बड़ियां हैं, जिनमें भोपाल स्तर से ही सुधार होना है। जैसे धान की मात्रा अधिक दिख रही है, लेकिन बोरियों की संख्या कम दिख रही है। जबकि 40 किलो प्रति बोरी के हिसाब से धान की मात्रा दिखनी चाहिए। ऐसे में धान की सही मात्रा का पता नहीं चल रहा है। वहीं कुछ धान रिजेक्ट हो गया था, उसे साफ कराके दोबारा जमा कराया गया है, लेकिन वह पोर्टल पर नहीं दिख रहा है। इनमें सुधार का काम जारी है। जैसे-जैसे सुधार होता जा रहा है, पेमेंट भी क्लियर होता जा रहा है।
चक्कर काट रहे किसान-
कई किसानों को धान का भुगतान नहीं हो पाया है, जबकि एक सप्ताह के भीतर भुगतान करने का प्रावधान है। अपनी धान बेच चुके किसान रोजाना अपना खाता चेक कर रहे हैं, साथ ही सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। उनको जल्द भुगतान का आश्वासन मिलता है। इस बार धान की खरीदी 1750 रुपए क्विंटल के हिसाब से की गई है। किसानों को ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है।
इनका कहना है-
भुगतान भोपाल स्तर से अटका है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। दो दिन पहले ही यहां से डीओ लेटर भेजा गया है। इससे पहले दो बार कर्मचारियों को भी भोपाल भेजा जा चुका है ताकि आमने-सामने गड़बड़ियों को सुधारा जा सके। उम्मीद है जल्द से जल्द किसानों को भुगतान हो जाएगा।
एमएनएच खान, जिला आपूर्ति नियंत्रक

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