किसानों ने मंडी में टमाटर फेंके, भाव कम मिलने पर जताई नाराजगी

किसानों ने मंडी में टमाटर फेंके, भाव कम मिलने पर जताई नाराजगी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-13 12:02 GMT
किसानों ने मंडी में टमाटर फेंके, भाव कम मिलने पर जताई नाराजगी

डिजिटल डेस्क गाडरवारा । सब्जी मंडी में किसानों की सब्जियां सस्ते दामों पर बिकने से उनका बुरा हाल है ऐसा ही नजारा पिछले कुछ दिनों सब्जी मंडी में देखने को मिल रहा है जहां किसानों का टमाटर रूपया नहीं कुछ पैसा में प्रति किलो बिक रहा है जिससे किसानों को टमाटर में लगाई गई लागत, बीज, खाद, बिजली, हिम्माली, मजदूरी, भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा है और उसको उल्टे जेब से अपने रूपये खर्च करना पड़ रहा है।  शुक्रवार को प्रात: काल किसानों द्वारा जब मंडी में टमाटर लाया गया और उसे बाजिव दाम नहीं मिले तो अनेकों किसानों ने मण्डी परिसर में अपना टमाटर फेंककर अपना गुस्सा जताते हुये रोष प्रगट करके प्रदर्शन करने लगे। किसान जिस वक्त टमाटर फेंककर अपना गुस्सा प्रगट कर रहे है उस वक्त देखने वालों की भीड़ लग गई और जानवर आकर टमाटर खाने लगे तो कुछ लोग टमाटर बीनकर ले जाने लगे घटनाक्रम के समय पुलिस प्रशासन मौजूद दिखाई दिया। उल्लेखनीय है कि सब्जी मंडी में करीब 7-8 बड़ी आढ़त है जिनमें प्रतिदिन लगभग 150 कैरेट एक आढ़त पर प्रतिदिन आवक हो रही है। जब इस संबंध में हमारी भास्कर टीम ने गुस्सायें किसानों से रूबरू होकर बातचीत की तो उन्होने अपनी समस्या से अवगत कराया।
समर्थन  मूल्य से भी कम भाव
देश का अन्नदाता कहे जाने वाले किसान को खेती का धंधा फायदेमंद साबित नहीं होता दिख रहा है चाहे अनाज उत्पादन हो, चाहे सब्जी उत्पादन हो उसे घाटे का सौदा हो रहा है। शासन द्वारा किसानों के चना समर्थन मूल्य पर 4400/- रूपया प्रति क्विंटल खरीदे जाने की बात कह रहा है लेकिन किसानों का पंजीयन एवं एसएमएस से जानकारी न मिलने पर उसे मजबूरन मण्डी में चना 3500-3600 प्रति क्विंटल भाव बेचना पड़ रहा है किसानों को तत्काल शादी विवाह, कृषि फार्म कार्य, घरेलू जरूरते, बिजली बिल, बैंक ऋण चुकाने में रूपया की आवश्यकता है। वहीं दूसरी ओर किसानों द्वारा सब्जियों के उत्पादन में मंडी में बाजिव दाम नहीं मिल रहे है। एक ओर भाजपा क्षेत्र में किसान सम्मान यात्रा निकाल रही है और उनका सम्मान करके किसानों के हित की बात कह रही है दूसरी ओर किसान पैसे को मोहताज हो रहा है ।

 

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