ओलावृष्टि से किसानों की कमर टूटी, फसलों को भारी नुकसान

ओलावृष्टि से किसानों की कमर टूटी, फसलों को भारी नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-22 07:38 GMT
ओलावृष्टि से किसानों की कमर टूटी, फसलों को भारी नुकसान

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। मोहखेड़ विकासखंड के मुजावरमाल गांव में गुरुवार की रात लगभग 8.15 बजे  बारिश के साथ बेर के आकार के ओले गिरे। तेज हवा के साथ लगभग 30 मिनट तक हुई ओलावृष्टि से फसलें तबाह हो गई। बारिश थमते ही किसान हाथ में टार्च लेकर खेतों की ओर निकल पड़े। फसलों की तबाही देखकर किसानों की आंखों से आंसू छलक आए ।
20 मिनिट में सब कुछ हो गया तबाह
जिले में बीते दो दिनों से तापमान में आए उछाल के बाद लोग गर्मी महसूस कर रहे थे। गुरुवार की शाम हल्की हवाओं ने गर्मी से राहत दी। शाम लगभग 6.30 बजे से जुन्नारदेव दमुआ क्षेत्र में बादलों की जमघट होने लगी। रात 7.15 बजे क्षेत्र में अधिकांश स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश होने लगी। लगभग 20 मिनट की तेज हवा और बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पश्चिमी हवाओं के साथ बादलों ने उमरेठ तहसील होते हुए मोहखेड़ तहसील के सावरी सर्किल क्षेत्र में तबाही मचाई। मुजावर माल गांव के आसपास मोहखेड़ और परासिया के सीमावर्ती गांवों में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई।
खेत और नालियों में जमी परत
मुजावर के युवा किसान दिनेश भारत ने बताया कि रात जब क्षेत्र में हल्की बारिश के आसार दिख रहे थे लेकिन थोड़ी देर में मौसम के तेवर तीखे हो गए। रात 8.15 के बाद लगभग 30 मिनट तेज हवा के साथ बेर के आकार के ओले एक ही गति से गिरे। तूफानी हवाओं से कई घरों में लगी लोहे की शीट और कवेलू वाली छतें भी क्षतिग्रस्त हो गई।
जमीन पर गिरी फसल
उमरेठ तहसील के मोरडोंगरी गांव के आसपास और मोहखेड़ तहसील के आसपास दो दर्जन से अधिक गांवों मेें लगभग 10 मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे। मुजावर निवासी किसान राजू घागरे ने बताया कि तेज हवा और बारिश के कारण फसल जमीन पर गिर गई तो वहीं ओलों की मार से सब्जी और अनाज की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। किसान रात में खेत में जाने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। कई किसानों ने खेतों का मुआयना करने के बाद बताया कि किसानों को खेतों से अब एक रुपए का भी अनाज या सब्जी हाथ लगने की संभावना नहीं बची है।
हेडलाइट की रोशनी में देखी तबाही
रात 9 बजे के बाद जब बारिश बंद हुई तो किसान बाइक और ट्रैक्टर लेकर खेतों की ओर निकल पड़े। वाहनों के हेड लाइट की रोशनी में फसल की जगह केवल ओलों की सफेद चादर ही नजर आ रही थी। सावरी के जनपद सदस्य पंकज पाठक ने बताया कि क्षेत्र के पाठाकरला, रजाड़ा, बदनूर, पौनार, टेमनी, जूनापानी सहित अन्य गांवों में बेर के आकार के ओले लगभग 10 मिनट तक गिरे। इस क्षेत्र में तेज हवा के कारण फसल खेतों में बिछ गई है।
इनका कहना है
पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव आया है। मौसम पूर्वानुमान केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार 21 और 22 फरवरी को बारिश की संभावना जताई गई थी। अगले पांच दिन जिले में बादलों के छाए रहने और बारिश की संभावना बनी रहेगी। मौसम खुलने के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आएगी।
डॉ. विजय पराडकर, सह संचालक आंचलिक अनुसंधान केंद्र चंदनगांव

 

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