स्वामी सानंद की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार, मोदी-गडकरी और उमा भारती पर दर्ज हो हत्या का मामला

स्वामी सानंद की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार, मोदी-गडकरी और उमा भारती पर दर्ज हो हत्या का मामला

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-12 09:26 GMT
स्वामी सानंद की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार, मोदी-गडकरी और उमा भारती पर दर्ज हो हत्या का मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गंगा नदी के लिए विशेष एक्ट की मांग के साथ अनशन के दौरान पर्यावरणविद स्वामी सानंद की मौत के लिए पर्यावरणविद विमलभाई ने केेंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गंगा विकास मामलों के मंत्री नितीन गडकरी व जलापूर्ति मंत्री उमा भारती के विराेध में धारा 302 के तहत हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। संविधान सम्मान यात्रा के तहत यहां आए विमलभाई पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।

गंगा सफाई के नाम पर संतों की हो रही कमाई
उन्होंने कहा कि गंगा विकास के नाम पर सरकार व कुछ संत केवल कमाई कर रहे हैं। गंगा के लिए 20 हजार करोड़ की सफाई परियोजना पर अमल ही नहीं हो रहा है। स्वामी सानंद के नाम से पहचाने जाने वाले प्रोफेसर जीडी अग्रवाल लंबे समय से गंगा संरक्षण की मांग कर रहे थे। गंगा के लिए विशेष एक्ट बनाने की मांग के साथ वे 112 दिन तक अनशन पर रहे। इस बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। प्रधानमंत्री को गंगा को लेकर किए गए उनके वादे का स्मरण कराया गया था।

साथ ही लिखा था कि अनशन के दौरान उनकी मृत्यु होगी तो उसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार रहेगी। 9 अक्टूबर 2018 तक मांग मानने का अल्टीमेटम दिया गया था। नितीन गडकरी व उमा भारती ने स्वामी सानंद से मुलाकात कर बातचीत भी की थी। लेकिन उनके बचाव के लिए प्रयास नहीं किया गया। उन्हें पुलिस ने लापरवाही के साथ अनशन स्थल से उठवाकर एंबुलेंस में डलवाया। लिहाजा अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। जिस तरह से घटनाक्रम हुआ है उससे साफ है कि स्वामी सानंद की हत्या हुुई है।

उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण का काम रहे विमलभाई का कहना है कि विकास के नाम पर सरकार मनमानी कर रही है। गंगा ही नहीं अन्य परियोजनाओं के मामले में तथाकथित संतो को  आगे रखकर जनता की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा गया है वह उनके विरुद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज कराने के लिए पर्याप्त प्रमाण है। मंत्री गडकरी गंगा विकास के मामले में केवल व्यावसायिक हित देख रहे हैं। वे केवल कुछ ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम कर रहे हैं। गंगा के प्रति अास्था दिखानेवाली उमा भारती तथाकथित साध्वी हैं। उन्हें जनभावना से कोई सरोकार नहीं है।

 

 

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