सेठिया ओपन कास्ट के डंपिंग यार्ड में फिर भड़की आग, परिवहन नहीं कर रहा ठेकेदार

सेठिया ओपन कास्ट के डंपिंग यार्ड में फिर भड़की आग, परिवहन नहीं कर रहा ठेकेदार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-16 18:17 GMT
सेठिया ओपन कास्ट के डंपिंग यार्ड में फिर भड़की आग, परिवहन नहीं कर रहा ठेकेदार

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/परासिया। सेठिया ओपन कास्ट के डंपिग यार्ड में कोल स्टॉक फिर से धधकने लगा है, कोयले में आग बढ़ती ही जा रही है। इसी स्थान पर चार माह पहले भी कोयले में आग लगी थी जिसे बुझाने में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) को भारी मशक्कत करनी पड़ी और बाद में पूरा कोयला एक माह के अंदर परिवहन कराना पड़ा था।

हर दिन ओपन कास्ट में 1500 टन कोयले का उत्पादन हो रहा है और यह कोयला सेठिया ओपन कास्ट के डंपिंग यार्डमें ही डंप किया जा रहा है। पिछले साल की तरह ही इस साल भी इस कोल स्टॉक में आग लग गई है। विभाग ने आग बुझाने के लिए पानी का नल लगा दिया है जिससे आग पर काबू पाना नामुमकिन लग रहा है। इसके अलावा वेकोलि ने भी आग पर काबू पाने के लिए अब तक कोई इंतजाम नहीं किया है। इस बार फिर लाखों टन कोयला खाक होने की कगार पर है।

1 लाख टन कोयले का स्टॉक 

सेठिया ओपन कास्ट के डंपिग यार्ड में हर दिन 1500 टन कोयला डंप किया जा रहा है। अब तक इस यार्ड में लगभग 1 लाख टन कोयले का स्टॉक हो गया है। जबकि कोल परिवहन न के बराबर है। वेकोलि अधिकारियों की मानें तो ओपन कास्ट से हर दिन 1500 टन कोयले का उत्पादन होता है और इतना ही कोयला हर दिन परिवहन भी किया जाना चाहिए। लेकिन ठेकेदार हर दिन केवल 600 से 700 टन कोयले का ही परिवहन कर पा रहा है।

डंपिग से लाखों के कवरिंग शेड बर्बाद

वेकोलि ने कोयले की सुरक्षा के लिए ठेका देकर लाखों रुपए की लागत से डंपिग यार्ड के आस पास टीन शेड की कवरिंग की थी। हर दिन हो रही कोयले की डंपिग के कारण महज एक माह में ही यह कवरिंग शेड क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वेकोलि ने इस शेड के माध्यम से हवा रोकने का प्रयास भी किया जो नाकाम साबित हुआ है।

पिछले साल भी राख हुआ था कोयला 

चार माह पूर्व सेठिया खदान के डंपिंग यार्ड मेें भीषण आग लगी थी और महीनों तक धधकती रही। इस आग और धुएं के कारण आसपास रहने वाले ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था और बाद में पर्यावरण विभाग के निर्देशों का पालन कर वेकोलि ने तत्काल पूरा स्टॉक खाली कराया था। यही हालात फिर से बन रहे हैं। कोयले की आग और धुएं और गैस से लोग फिर परेशान होने लगे हैं।

सेठिया के खान प्रबंधक यूके मेहता का कहना है कि कोल स्टॉक में जो आग लगी है उसे कंट्रोल करने में हम प्रयासरत हैं। जल्द ही इसका निराकरण कर लिया जाएगा। हर दिन खदान में 1500 टन कोयले का उत्पादन हो रहा है और 600-700 टन कोयला बीजे साइडिंग भेजा जा रहा है।

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