ट्रान्सप्लांट हुए नानी के गर्भाशय से नातिन का जन्म, पुणे के गैलेक्सी केअर अस्पताल ने रचा इतिहास

ट्रान्सप्लांट हुए नानी के गर्भाशय से नातिन का जन्म, पुणे के गैलेक्सी केअर अस्पताल ने रचा इतिहास

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-18 13:30 GMT
ट्रान्सप्लांट हुए नानी के गर्भाशय से नातिन का जन्म, पुणे के गैलेक्सी केअर अस्पताल ने रचा इतिहास

डिजिटल डेस्क, पुणे। ट्रान्सप्लांट किए हुए गर्भाशय से देश की पहली कन्या ने दशहरे के मुहूर्त पर जन्म लिया। विशेष बात यह है कि इस कन्या ने उसकी नानी के गर्भाशय से ही जन्म लिया है। यानि कि कन्या की मां को उसकी मां ने गर्भाशय दिया था जिस कारण यह जननप्रक्रिया पूरी हो सकी। पुणे के गैलेक्सी केअर अस्पताल ने यह इतिहास रचा है, जो मेडिकल क्षेत्र में चमत्कार माना जा सकता है।

अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. शैलेश पुणतांबेकर ने बताया कि बड़ोदा निवासी 28 वर्षीय एक महिला का शादी के बाद कुछ ना कुछ वहजों से तीन बार गर्भपात हुआ था। ऐसे में उनका गर्भाशय निष्क्रिय हुआ था, इसलिए मां बनने की आशा लगभग खत्म हो गई थी। उनके सामने बच्चा गोद लेना, सरोगसी जैसे विकल्प थे लेकिन उन्हें अपने बच्चे को खुद जन्म देना था। उनकी यह इच्छा देखते हुए उनकी 52 वर्षीय मां ने उन्हें गर्भाशय दान देने की तैयारी दिखाई। उसके बाद उन्होंने गैलेक्सी अस्पताल से संपर्क किया। 17 मई 2017 को गर्भाशय ट्रान्सप्लांट किया गया। वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों ने लैबोरेटरी में गर्भ तैयार किया। गर्भाशय सामान्य रूप से काम करने के बाद मार्च महिने में उक्त गर्भ गर्भाशय में छोड़ा गया। गर्भधारणा भी सफल हुई। तब से महिला अस्पताल में ही हैं। मां और बच्चे के हर एक हलचल पर डॉक्टरों का ध्यान लगा हुआ था।

दरमियान बुधवार की रात गर्भाशय के पानी का स्तर कम हुआ जिस कारण महिला का तत्काल सिजेरियन करने का निर्णय डॉक्टरों ने लिया। आखिरकार 12 बजकर 12 मिनटों पर एक सुंदर कन्या ने जन्म लिया। उसका वजन 1 किलो 450 ग्रैम है। जच्चा और बच्चा एकदम ठीक है। जिस गर्भाशय से बच्ची की मां का जन्म हुआ, उसी गर्भाशय से उसका भी जन्म हुअा। चिकित्सा क्षेत्र में यह एक चमत्कार माना जा सकता है।  

दुनिया में गर्भाशय ट्रान्सप्लांट से अब तक 11 बच्चों का जन्म

डॉ. पुणतांबेकर ने बताया कि दुनिया में अब तक 27 गर्भाशय ट्रान्सप्लांट शल्यक्रियाएं की गई हैं जिसके जरिए 9 स्विडन तथा 2 अमरिका ऐसे कुल 11 बच्चों का जन्म हुआ है। गैलेक्सी अस्पताल में जन्मी हुईं बच्ची दुनिया की 12 वीं जबकि भारत की पहली बच्ची है। अस्पताल ने अब तक छह गर्भाशय सफलतापूर्वक ट्रान्सप्लांट किए हैं। उनसे भी बच्चों का जन्म होगा ऐसा विश्वास डॉ. पुणतांबेकर ने व्यक्त किया है। 

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