सरकार के साथ महिला शक्ति की पहली बैठक, शक्ति कानून बनाने पर जोर
सरकार के साथ महिला शक्ति की पहली बैठक, शक्ति कानून बनाने पर जोर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनने वाले शक्ति कानून के बारे में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधान भवन में महिला संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ राउंड टेबल मीटिंग की आैर सभी के सुझाव लिए। महिला संगठनों ने कहा कि कानून की खामियोें का जो लाभ आरोपियों को मिलता है, उसे दूर करते हुए सख्त कानून बने। फांसी का प्रावधान रखने का भी सुझाव आया। हालांकि कई संगठनों ने इस पर आपत्ति भी जताई। गृहमंत्री श्री देशमुख ने सोमवार दोपहर 3.30 बजे विधान भवन की पहली मंजिल पर 50 से ज्यादा महिला संगठनों के प्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ताओं से चर्चा की।
इन्होंने लिया भाग
बैठक में महिलाओं के लिए काम करनेवाली सीमाताई साखरे, मीरा खड़तकर, रुपाताई कुलकर्णी, योगिनी दोड़के, प्रकृति संस्था की श्रीमती साखरवाडे, एड. स्मिता सिंगलकर, आपूलकी संस्था के अमिताभ पावडे, समाजसेवी विलास भोंगाडे, अविल बोरकर आदि शामिल हुए। गोपनीयता का हवाला देकर किसी को भी बैठक की चर्चा लीक नहीं करने को कहा। आपूलकी संस्था के अमिताभ पावडे ने कहा कि बैठक में महिलाआें की सुरक्षा आैर महिलाआें से दुर्व्यवहार व छींटाकशी करनेवालों के खिलाफ सख्त कानून बनना चाहिए, लेकिन बैठक का एजेंडा गोपनीय होने से इस बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने पूर्व महापौर अर्चना डेहनकर के नेतृत्व में शक्ति कानून को लेकर गृहमंत्री अनिल देशमुख को निवेदन दिया। श्रीमती डेहनकर ने कहा कि भाजपा महिलाआें की सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करती है। उसी का परिणाम है कि शक्ति कानून बनाया जा रहा है। शक्ति कानून को सख्त बनाने का सुझाव दिया। इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा की नीता ठाकरे, उपमहापौर मनीषा धावडे, कीर्तिदा अजमेरा, मनीषा कोठे, दिव्या धुर्डे, कंचन करमरकर, वर्षा ठाकरे आदि उपस्थित थे।