मप्र विधानसभा का उद्घाटन सत्र शुुरू, 15 साल बाद विपक्ष की भूमिका में भाजपा

मप्र विधानसभा का उद्घाटन सत्र शुुरू, 15 साल बाद विपक्ष की भूमिका में भाजपा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-06 19:02 GMT
मप्र विधानसभा का उद्घाटन सत्र शुुरू, 15 साल बाद विपक्ष की भूमिका में भाजपा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है। संक्षिप्त काल का ये सत्र 11 जनवरी तक चलेगा। इस सत्र में पांच बैठकें होंगी। सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। 15 सालों में पहली बार बीजेपी सदन में विपक्ष की भूमिका में नजर आई । पहले सत्र में प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने विधायकों को शपथ दिलाना शुरू किया। वहीं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया, प्रजापति के साथ सीएम कमलनाथ भी मौजूद रहे। भाजपा की ओर से विजय शाह ने नामंकन भरा। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायकों के साथ वल्लभ भवन के सामने वंदेमातरम् भी गाया।

विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव सत्र के दूसरे दिन 8 जनवरी को होगा और फिर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। इसके बाद कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पेश किया जाएगा। 9 जनवरी को शासकीय कार्यों के साथ निधन उल्लेख होगा। माना जा रहा है कि 10 जनवरी को अनुपूरक बजट पेश किया जा सकता है। ये बट करीब 18 हजार करोड़ रुपए का होगा। सत्र के अंतिम दिन 11 जनवरी को विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव होने की संभावना है। इस दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा भी होगी।

इस बार विधानसभा भी बदली बदली सी दिख रही है,  क्योंकि आज जब विधानसभा का पहला सत्र शुरू हुआ तो सबसे विशेष बात ये रही कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के स्थान बदल गए तक जहां भाजपा के मंत्री और विधायक बैठा करते थे वहां अब कांग्रेस के मंत्री और विधायक बैठे। भाजपा के कई फायर ब्रांड नेता जो विपक्ष के तीखे हमलों के दौरान शिवराज सरकार के बचाव में खड़े रहते थे इस बार सदन में दिखाई नहीं दिए। इनमें जयभान सिंह पवैया, जयंत मलैया, रुस्तम सिंह, ओमप्रकाश धुर्वे, लाल सिंह आर्य, अर्चना चिटनीस, उमाशंकर गुप्ता सहित कई अन्य दिग्गज है।

कांग्रेस के भी कई दिग्गज नेता इस बार विधानसभा में दिखाई नहीं दिए इनमें सबसे बड़ा नाम नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह राहुल का है। अजय सिंह के अलावा वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत, मुकेश नायक को भी विधानसभा पहुँचने का मौके नहीं मिल पाया। जनता ने इन नेताओं को सदन में पहुंचने का अवसर नहीं दिया।

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