मंडला में चारों तरफ पानी ही पानी, नारायणगंज के तीन गांव में बाढ़, सैंकड़ों घर प्रभावित

मंडला में चारों तरफ पानी ही पानी, नारायणगंज के तीन गांव में बाढ़, सैंकड़ों घर प्रभावित

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-29 13:05 GMT
मंडला में चारों तरफ पानी ही पानी, नारायणगंज के तीन गांव में बाढ़, सैंकड़ों घर प्रभावित

डिजिटल डेस्क, मंडला। लगातार बारिश से शहर में जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। रात दो बजे से शुरू हुई बारिश बुधवार की सुबह नौ बजे थमी। रात में बादल झमाझम बरसे पानी की झड़ी से गली मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कें जलमग्न हो गई। लगातार छह घंटे से अधिक समय तक हुई बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। सुबह की तेज बारिश से शहर समेत आसपास के इलाके  के सरकारी, प्राइवेट स्कूल प्रभावित हुए। नर्मदा समेत आसपास की सहायक नदिया उफान पर आ गई। निवास में गाज गिरने से एक चरवाहा की मौके पर मौत हो गई। वहीं नारायणगंज क्षेत्र के लालीपुर बरबरपुर के कटिया नाला ने कोहराम मचा दिया। यहां ग्रामीणों के तीन दर्जन से अधिक घरो में पानी भर गया। सात मवेशी बाढ़ में बह गए।

एक ग्रामीण को रेस्क्यू कर बचाया गया है। जिले के मंडला मुख्यालय में 165.8 एमएम रिकार्ड बारिश दर्ज हुई। नैनपूर 18,बिछिया 31.5,निवास 5.2,घुघरी में 56 नारायणगंज 8.6एमएम, बारिश हुई। जिले में 29 अगस्त को कुल 47.5 औसत बर्षा दर्ज की गई।जिले के अलग अलग हिस्सों में बारिश हुई लेकिन मंडला मुख्यालय सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। आधी रात के बाद गरज चमक के साथ बारिश शुरू हुई। झमाझम बारिश की झड़ी सुबह बंद हुई। लगातार एक सी बारिश से गली मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों तक जलमग्न हो गए। सबसे ज्यादा परेशानी हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में जलभराव के कारण हुई। यहां दर्जनों घरों में पानी घुस गया।

हाऊसिंग बोर्ड की सड़क पर घुटने तक पानी रहा। गिरते पानी में ही लोग अपने घरो से पानी बाहर करते रहे। सब्जी बाजार में नाली का पानी सड़कों से बहने लगा। एसडीएम,तहसील कार्यालय में पानी भर गया है। यहां के कम्पयूटर व अन्य दस्तावेज खराब हो गए है। महाराजपुर के कश्तवर कलौनी में लोगो की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। पडा़व क्षेत्र में दीनदयाल रसोई तालाब बन गई। जिसके चलते यहां पांच रूपए में मिलने वाला भोजन के लिए गरीबों को इंतजार करना पड़ा। निचले क्षेत्रो के मोहल्लों में घरों में पानी घुसने से लोग परेशान हुए। मध्यम व छोटे जलाशयों के जल स्तर मेें एकाएक बढ़ गए है। वहीं नर्मदा नदी भी उफान पर आ गई।

गाज गिरने से चरवाहा की मौत
गरज के साथ बारिश से पूरा जिला प्रभावित रहा। यहां के निवास थाना क्षेत्र के आमगांव व चौदस के बीच खेत पर भैंस चरा रहे चरवाहा उमेश यादव पिता छिदामी लाल यादव 42 वर्ष पर गाज गिर गई। जिससे उसकी घटना स्थल पर मौत हो गई। पुलिस ने पंचनामा बना कर मर्ग कायम किया।

 


ये मार्ग हुए प्रभावित
बारिश के कारण मंडला डिंडौरी मार्ग पर आमानाला, घुघरी मार्ग पर गुरूबिनी नाला,रामनगर से पदमी मार्ग पर कंटगानाला,रामनगर अंजनिया मार्ग बंद रहा है। मुनु मार्ग का मरजारिया नाला उफान पर होने के कारण सुबह 11 बजे तक आवागमन बंद है। कान्हा नेशनल पार्क मार्ग भी बारिश के कारण बंद है। गांव इन्द्री के पास कन्हार नदी और मोचा की बंजर नदी का जलस्तर बढऩे से पुल के ऊपर से पानी जा रहा है। वहीं कंटगाटोला लफरा का पुल भी सुरपन मटियारी नदी के उफान के कारण डूब गया। बारिश थमने के बाद इन मार्गो पर आवागमन शुरू नहीं हो पाया है। आम जनजीवन दोपहर से पटरी पर लौट आया।

उफनाते नाले से निकाली बस
बारिश के कारण डिंडौरी मार्ग भी प्रभावित रहा। यहां आमानाला के पास हाइवे निर्माण के बाद जल भराव की स्थिति बन रही है। जिससे यह मार्ग छोटे वाहन चालको के लिए बंद रहा। इसके आगे बकछेरा दोना गांव के पहले नाला उफान पर आ गया। जिसके चलते डिंडौरी मार्ग बंद रहा। मंडला की अतीब ट्रेवल्स की बस चालक को इतनी जल्दबाजी रही है कि सवारी की जान की चिंता तक उसने नहीं की। बकछेरादौना नाला उफान रहा लेकिन सवारी से भरी बस तेज बहते नाले पर उतार दिया। जिसके चलते कुछ देर के लिए यात्रीयों का हल्क पर जान आ गई।

नारायणगंज क्षेत्र में आधा सैंकडा घर प्रभावित
जनपद पंचायत नारायणगंज जोरदार बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बन गई। यहां कटिया नाला और मोहदा नदी पर बाढ़ आ गई। अनवरत बारिश के चलते ग्राम परतला, बरबसपुर,लालीपुर के वासियो आफत बरस गई। परतला गांव में जोरदार बारिश के चलते तीन मकान बाढ़ में बह गए। करीब 25 से 30 घरों में पानी घुस गया। यहां के ग्रामीणों को खाने पानीे और जरूरतो की साम्रगी भी नष्ट हो गई। कटिया नाला उफान पर आने के कारण सात मवेशी बह गए। मोहदा नदी के तट पर किसी काम से गया लालीपुर निवासी पप्पू पिता लखन ठाकुर 35 वर्ष अचानक जल स्तर बढऩे के कारण मुश्किल पर आ गया। जान बचाने के लिए उसे पेड़ पर चढऩा पड़ा। जिसकी जानकारी लगते ही पुलिस व अमले ने रेस्क्यू कर उसकी जान बचाई है। कटिया नाला और मोहदा नदी दोनो ही नर्मदा नदी पर जाकर मिलते है। बारिश के कारण दर्जन भर गांव में जलभराव की स्थिति बन गई।

 

 

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