देश में बैंक घोटालों की बाढ़ , आरबीआई को प्रखर प्रहरी की भूमिका निभाना जरूरी

देश में बैंक घोटालों की बाढ़ , आरबीआई को प्रखर प्रहरी की भूमिका निभाना जरूरी

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-11 07:13 GMT
देश में बैंक घोटालों की बाढ़ , आरबीआई को प्रखर प्रहरी की भूमिका निभाना जरूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में बढ़ते बैंक घोटालों पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने चिंता जाहिर की है। न्या.सुनील शुक्रे व अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने कहा है कि देश में लगातार बैंक घोटाले बढ़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को एक प्रखर प्रहरी की भूमिका निभानी चाहिए। ऐसी स्थिति में आरबीआई की यह दलील कि उनके पास बैंक घोटालों की जांच के लिए यंत्रणा नहीं है या फिर बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम 1949 और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 में प्रावधान नहीं है, पूरी तरह गलत होगी। इन अधिनियमों का बारीकी से विश्लेषण करने पर पता चलेगा कि आरबीआई को अपने अधीनस्थ बैंकों पर नियंत्रण के असीम अधिकार हैं। आरबीआई ही बैंकों को संचालन के लिए बैंकिंग लाइसेंस जारी करता है। हाईकोर्ट ने आरबीआई को नागपुर के यूको बैंक के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लेने को कहा है। 

भ्रष्टाचार का है मामला
किसान कर्ज योजना में यूको बैंक द्वारा किए गए 25 करोड़ के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्रित सू-मोटो जनहित याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई।  इस याचिका में प्रार्थना है कि बैंकों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी पर आरबीआई स्वयं शिकायत दर्ज कराए। साथ ही आरबीआई ऐसे घोटाले रोकने के लिए दिशा-निर्देश लागू करके उनका सख्ती से पालन हो यह भी सुनिश्चित करे। इस पर आरबीआई ने अपना उत्तर प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने अपनी विविध गाइडलाइन व सर्कुलर की जानकारी कोर्ट को दी, लेकिन यह नहीं बता पाए कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले बैंकों पर वे क्या कार्रवाई करते हैं? न ही शपथ-पत्र में घोटाले के आरोपी यूको बैंक अधिकारियों पर कार्रवाई की जानकारी दी गई है। इस पर आरबीआई ने सफाई दी कि बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम 1949 और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 में आरबीआई बैंकों घोटालों पर जांच बैठा सके ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हां, जो घोटाले आरबीआई को रिपोर्ट किए जाते हैं आरबीआई संबंधित बैंक प्रबंधन से लगातार रिपोर्ट लेता रहता है कि जांच किस प्रकार आगे बढ़ रही है, दोषियों को सजा मिले,नुकसान भरपाई हो। 

घोटाला छिपाने का आरोप
दरअसल, इस मामले में बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों पर ही आरोप है कि उन्होंने घोटाले की जानकारी होते हुए इसे छिपाया और पुलिस को सूचना नहीं दी। तो ऐसे मामलों में आरबीआई के पास घोटाले रोकने के क्या प्रबंध है, इस पर उन्हें विस्तृत शपथ-पत्र देने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। 

कार्रवाई का फैसला लें 
हाईकोर्ट ने कहा कि चाहे आरबीआई के पास घोटालेबाज बैंकों की जांच कराने की यंत्रणा न हो, लेकिन कानूनन आरबीआई यूको बैंक के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है। इस पर वे अपना फैसला लें और कोर्ट को बताएं। मामले में एड.रजनीश व्यास न्यायालयीन मित्र की भूमिका में है। सीबीआई की ओर से एड.मुग्धा चांदुरकर ने पक्ष रखा।

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