बाढ़ से फसल के साथ पशुओं का चारा भी हुआ बर्बाद, मौदा के 7 के हालात बुरे

बाढ़ से फसल के साथ पशुओं का चारा भी हुआ बर्बाद, मौदा के 7 के हालात बुरे

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-29 08:22 GMT
बाढ़ से फसल के साथ पशुओं का चारा भी हुआ बर्बाद, मौदा के 7 के हालात बुरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अगस्त में हुई भारी बारिश से आई बाढ़ का सबसे ज्यादा असर जिले के मौदा तहसील में हुआ। मौदा के 7 गांव ऐसे हैं, जहां फसल के साथ ही पशुआें का चारा भी बारिश की भेंट चढ़ गया। केंद्रीय टीम के अलावा पशु धन विकास अधिकारी ने यहां का दौरा करके बाढ़ की भेंट चढ़े पशुआें का पंचनामा किया। 2440 पशुआें को चारे की व्यवस्था करने का पत्र 5 सितंबर को प्रशासन को लिखा। इन पशुआें को अब तक प्रशासन की तरफ से चारा उपलब्ध नहीं हाे सका। चारा छावनी लगाने की मांग पर भी विचार नहीं हो रहा। 

तहसीदार को लिखा पत्र
जिले में 28 अगस्त से 30 अगस्त के बीच हुई जबरदस्त बारिश से मौदा के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ आ गई। कोटगांव, पानमारा, वढणा, मोहखेड़ी, मौदा, चेहली व सिंगोरी (नरसाला) गांव में फसल के साथ ही पशुआें का चारा भी बाढ़ में बह गया।  कई पशुआें की मौत भी हो गई थी। नागपुर पहुंची केंद्रीय टीम ने इन इलाकों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट केंद्र को दी थी। पशु धन विकास अधिकारी ने यहां का दौरा कर मृत पशुआें के पंचनामें तैयार किए। बचे हुए पशुआें के लिए चारा जरूरी है आैर इसकी व्यवस्था करने का पत्र तहसीलदार को लिखा। छोटे व बड़े पशुआें की संख्या प्रशासन को बताकर इनके लिए कितना चारा लगेगा, इसकी भी रिपोर्ट प्रशासन को दी। 5 सितंबर का पत्र दो दिन बाद तहसीलदार मौदा को मिला, लेकिन अभी तक न चारा मिला न चारा छावनियां लग सकीं। 

नहीं हुआ संपर्क 
मौदा के तहसीलदार प्रशांत सांगडे को कई बार फोन लगाया, लेकिन रिंग बजते रही। वाट्सएप व एसएमएस किया, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला। एसडीआे सुजाता गंधे को भी फोन लगाया, वाट्सएप व एसएमएस किया, लेकिन जवाब नहीं मिल सका। 

अधिकारी बढ़ा रहे किसानों की परेशानी 
पशुओं के लिए चारा छावनी या चारा उपलब्ध कराने की मांग का निवेदन राहत व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार व जिलाधीश रवींद्र ठाकरे को दिया। एक दर्जन से ज्यादा गांवों में पशुआें के लिए चारा नहीं, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित 7 गांवों में तुरंत चारे की जरूरत है। तहसीलदार मौदा से कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा। मिलने जाने पर उचित जवाब भी नहीं मिलता। पशुआें की हालत खराब हो रही है। प्राकृतिक आपदा के अलावा अधिकारी भी किसानों की परेशानी बढ़ा रहे हैं।  - राम वाडीभस्मे, मुख्य संयोजक किसान अधिकार मंच

मामले की जानकारी लेता हूं 
बाढ़ से फसल व पशु धन का नुकसान हुआ था। पशुआें के लिए चारा उपलब्ध कराने की मांग है, लेकिन इस बारे में क्या कार्रवाई हुई यह अभी बताना कठिन है। मामले की जानकारी लेकर संबंधित तहसीलदार को इस दिशा में कदम उठाने की सूचना दी जाएगी।  - रवींद्र खजांजी, निवास उपजिलाधीश नागपुर 


 

Tags:    

Similar News