स्कूलों में घटिया रैंप निर्माण की जांच के आदेश - तीन करोड़ रू. की हुई बंदरबांट

स्कूलों में घटिया रैंप निर्माण की जांच के आदेश - तीन करोड़ रू. की हुई बंदरबांट

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-29 08:32 GMT
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डिजिटल डेस्क,सिंगरौली(वैढन) । विधानसभा चुनाव के ठीक पहले स्कूलों में बनाये गये घटिया रैंप के खुलासे के बाद डीपीसी ने खबर पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी किये हैं। डीपीसी ने कहा कि रैंप के गुणवत्ता की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि कमेटी का गठन कर पूरे मामले की बारीकी से जांच कराई जायेगी। इस मामले में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कलेक्टर के समक्ष कार्रवाई प्रस्तुत की जायेगी। रैंप के घटिया निर्माण की जांच के लिये डीपीसी ने वैढन, चितरंगी और देवसर ब्लॉक के बीआरसी को पत्र जारी किया है।
शाला प्रबंध समिति की भूमिका संदिग्ध
जानकारी के मुताबिक विस चुनाव से पहले शाला प्रबंध समिति के माध्यम से जिले की 553 स्कूलों में दिव्यांगों के लिये रैंप का निर्माण कराया गया था। रैंप निर्माण के लिये डीएमएफ से 2 करोड़ 90 लाख रूपये स्वीकृत किये गये थे। इसमें से निर्माण कार्य के लिये प्रशासन ने 1 करोड़ 45 लाख की पहली किश्त जारी की थी। डीएमएफ से पहली किश्त मिलने के बाद निर्माण एजेंसी शाला प्रबंध समिति और ठेकेदारों ने मिलकर सरकारी रकम का बंदरबांट किया है। लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केन्द्रों के निरीक्षण से यह खुलासा हुआ है कि एजेंसी ने रैंप के निर्माण के लिये खानापूर्ति कर मोटी रकम अंदर कर ली है। इस मामले के तूल पकडऩे के बाद आनन-फानन में दूसरी किश्त के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। घटिया निर्माण के मामले शाला प्रबंध समिति की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। ऐसे में जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि रैंप का घटिया निर्माण कर एजेंसी ने कितनी सरकारी रकम का गोलमाल किया है।
सीढ़ी पर ढाल दिया स्लैब
मतदान केन्द्रों के टीम के निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई है कि स्कूलों में मानक को दरकिनार कर रैंप का निर्माण किया गया है। जिले के देवसर और चितरंगी में कई ऐसे स्कूल है जहां पर सीढ़ी पर ही स्लैब का निर्माण कर रैंप का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही रैंप की पतली रेलिंग लगाकर निर्माण कार्य में रस्मअदायगी की गई है। बताया जाता है कि शहर की स्कूलों में बनाये गये रैंप में गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया है। इसके बाद भी सहायक यंत्री द्वारा आंख मूंदकर क्लीयरेंस सर्टिफि केट जारी किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि संगठित गिरोह द्वारा सुनियोजित तरीके से सरकारी रकम का गबन करने के लिये योजना बनाई है।
निर्माण के ये हैं मानक
- रैंप निर्माण के बेस में गिट्टी और सरिया का प्रयोग।
- बेस में 4- 5 इंच तक मोटाई के साथ स्लैब फिनिसिंग।
- दिव्यागों की व्हीलर चेयर के प्रवेश से लेकर पहुंच मार्ग तक रैंप समतल।
- रैंप में फिसलने से बचने के लिये ब्रिक्स का प्रयोग।
- रैंप में स्टील की रेलिंग और बोर्ड।
इनका कहना है
खबर से यह जानकारी सामने आई है कि रैंप निर्माण में मानक का पालन नहीं किया गया है। इस पूरे मामले में जांच के आदेश जारी किये गये हैं। टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी।
एसके त्रिपाठी, डीपीसी

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