खसरा-रूबेला को जड़ से समाप्त करने टीकाकरण का अभियान

खसरा-रूबेला को जड़ से समाप्त करने टीकाकरण का अभियान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-07 08:04 GMT
खसरा-रूबेला को जड़ से समाप्त करने टीकाकरण का अभियान

डिजिटल डेस्क, शहडोल। खसरा-रूबेला (एमआर) की रोकथाम के लिए  15 जनवरी से प्रदेश भर में टीकाकरण का अभियान चलाया जाएगा। इसमें 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीका लगाया जाना जरूरी है। अभियान के लिए जिले में लगभग 3 लाख 55 हजार बच्चे चिन्हित किए गए हैं। वहीं इनके टीकाकरण के लिए लगभग 250 टीमें बनाई गई हैं। प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत एस.कृष्ण चैतन्य की उपस्थिति में जिला प्रशिक्षण केन्द्र (आईपीपी-06) के सभागार में आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी गई। डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. अभिषेक बछौतिया ने बताया कि 4 सप्ताह तक चलने वाला अभियान दो चरणों में चलेगा। प्रथम दो सप्ताह स्कूलों में 6 वर्ष से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को प्रशिक्षित स्वास्थ्य टीम द्वारा पीड़ा रहित टीका लगाया जाएगा। द्वितीय चरण में अंतिम दो सप्ताह में आंगनबाड़ी केन्द्रों में 9 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। अंत में कैचअप राउण्ड चलाकर छूटे हुए बच्चों को टीकाकृत किया जाएगा। पोलियो की तरह ही इसके लिए भी अभियान चलाया जाएगा।

बच्चा अपंग पैदा होता है
डॉ. बछौतिया ने बताया कि रूबेला के संक्रमण से गर्भवती महिलाओं का बच्चा अपंग हो सकता है। जो भी बच्चा अपंग पैदा होता है, उसमें कहीं न कहीं महिला रूबेला से संक्रमित होती है, इसलिए इसकी रोकथाम जरूरी है। 9 माह से 15 वर्ष के बच्चों में मीजल्स एवं रूबेला वायरस का प्रकोप सबसे अधिक रहता है। लगभग 95 प्रतिशत इसी उम्र के बच्चे इससे प्रभावित होते है। बाकी का पांच फीसदी में अन्य आते हैं। यदि इन्हें अभी नहीं रोका गया तो यह बीमारी किशोरों एवं वयस्कों की बीमारी में परणित हो सकती है।

नियमित टीकाकरण भी होगा
वर्कशॉप में बताया गया कि मीजेल्स और रूबेला के टीका को जिले में नियमित लगने वाले टीके में भी शामिल कर लिया गया है। इसकी शुरुआत इसी माह से हुई है। पहले बच्चों को खसरे का टीका लगता था। अब खसरा-रूबेला का टीका लगेगा। वर्कशॉप में सीएमएचओ डॉ. राजेश पाण्डेय, जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमान सोनारे, डीपीएम मनोज द्विवेदी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

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