लॉकडाउन में ग्रामीणों को वन विभाग देगा रोजगार, 533 गांव को मिलेगा लाभ

लॉकडाउन में ग्रामीणों को वन विभाग देगा रोजगार, 533 गांव को मिलेगा लाभ

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-30 11:56 GMT
लॉकडाउन में ग्रामीणों को वन विभाग देगा रोजगार, 533 गांव को मिलेगा लाभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के कारण लॉकडाउन  से शहर के साथ ग्राम निवासी भी प्रभावित हो रहे हैं।  गांव में रहनेवालों को खासकर महिलाओं को वन विभाग रोजगार देने वाला है। करीब 533 ग्राम निवासियों को वनामृत उपक्रम के माध्यम से माध्यम से घर पर ही इमली, आम, आंवला, महुआ, सीताफल आदि फलों से चॉकलेट, कैन्डी, जूस, मुरब्बा, लड्‌डू आदि बनाने का का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसे वन विभाग के वनधन-जनधन के माध्यम से बनाई जानेवाली दुकानों से बेचा जाएगा। वन विभाग के इस सराहनीय कदम से जहां एक ओर ग्राम निवासियों को रोजगार मिल रहा है। वही दूसरी ओर इससे गांववालों में वन विभाग के बारे में अपनापन बढ़ रहा है।

नागपुर विभाग अंतर्गत 1.50 लाख हेक्टर वनपरिक्षेत्र मौजूद है। जिसके आस-पास 533 गांव बसे हैं। उपरोक्त वन परिक्षेत्र में 1136 प्रजाति की विभिन्न प्रजाति के वनस्पति है। इनके माध्यम से हजारों लोगों को अब भी रोजगार मिल रहा है। नागपुर जिले में हर साल तेंदूपत्ते के भरोसे ही 18 हजार परिवार को रोजागार मिल जाता है।  गांव के अनुसार बहुत ज्यादा गांववालों की संख्या रहने से सभी को रोजगार मिलना संभव नहीं होता है। ऐसे में तालाबंदी के इस दौर में कई लोगों पर रोजगार के अभाव में भूखे रहने की नौबत आ गई है। ऐसे में वन विभाग ने ग्राम स्तर पर महिला बचत गट का निर्माण किया है। वहीं इनके आस-पास के बाजारों का जायजा लेकर कौन से उत्पादन की क्या मांग है, आदि के बारे में सर्वे किया है। इसी के आधार पर महिलाओं को आंवला जूस, कैन्डी, मुरब्बा, अचार, जैम, पाउडर, जामुन जूस, महुआ जैम, सूखा मेवा, किशमिश, लड्‌डू, पलाश फ्लावर जूस, सीताफल, मुरब्बा आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया है। अब तक रामटेक के 9 गांव की 200 महिलाओं को इसी नीति के आधार पर रोजगार भी उपलब्ध कराया है। इसके अलावा रोजगार के लिए कपड़े की थैली बनाना, खाद, पापड़ तैयार करना आदि का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। वनधन-जनधन के माध्यम से बनाये दुकानों से इन प्रोडक्ट की बिक्री की जानेवाली है। ताकि आने वाले समय में ग्राम निवासियों को रोजगार मिल सके।

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